ज्ञानवापी विवादित ढाँचे को लेकर आज (12 सितंबर) वाराणसी की जिला अदालत ने हिंदुओं के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि श्रृंगार गौरी की पूजा के संबंध में हिंदू महिलाओं की याचिका सुनने लायक है। इस फैसले के आते ही वामपंथी व कट्टरपंथी सोशल मीडिया पर रोने लगे। वहीं दूसरी ओर ‘बर्नोल’ हैशटैग ट्रेंड होने लगा।
आरफा खानुम शेरवानी ने इस फैसले के आते ही सोशल मीडिया पर ट्वीट किया, “हर रोज एक नया जख्म।”
हर रोज़ एक नया ज़ख़्म !
— Arfa Khanum Sherwani (@khanumarfa) September 12, 2022
राजदीप सरदेसाई ने लिखा, “वाराणसी कोर्ट ने हिंदुओं की याचिका को चुनौती देने वाली अंजुमन समिति की याचिका खारिज कर दी: एक और धार्मिक विवाद एक लंबी विवादास्पद, विभाजनकारी कानूनी लड़ाई से गुजरने के लिए तैयार है। जब ‘न्यू’ इंडिया को भविष्य की ओर आगे बढ़ना चाहिए तब अतीत हमें भयभीत कर रहा है।”
Breaking:
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) September 12, 2022
Varanasi Court rejects Anjuman Committee’s plea challenging Hindu worshippers’ plea: another religious dispute set to go through a long contentious, divisive legal battle. When ‘new’ India should be looking to future, the past haunts us! . #GyanvapiCase
इसी तरह कोर्ट से नाराज होकर अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी के उपाध्यक्ष सैयद मसूद उल हसन ने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, “कोर्ट ने बंद अल्फाज में कह दिया है कि अगली बाबरी मस्जिद ज्ञानवापी होगी। अगरे 20 सालों में तोड़कर इसे मंदिर बना दिया जाएगा।”
अतीउल्ला अंसारी ने लिखा, “दुनिया की अदालत ने भले ही मस्जिद को मंदिर साबित कर दिया। लेकिन अल्लाह का इंसाफ आना बाकी है।” इसी तरह कुछ यूजर डर दिखा रहे हैं कि बाबरी की तरह ज्ञानवापी भी न ढाह दी जाए।
दुनियां की अदालत ने भले ही मस्जिद को मंदिर
— Atiullah Ansari (@Atiulla36090869) September 12, 2022
साबित कर दिया हो लेकिन अल्लाह का इंसाफ आना बाकी है।
बता दें कि ज्ञानवापी मसले पर लिबरलों का ये रिएक्शन उसी समय देखने को मिल रहा है जब से वाराणसी कोर्ट ने हिंदुओं की याचिका को स्वीकारा और मुस्लिम याचिका खारिज की है।
इससे पहले इस्लामवादियों और लिबरलों का ये रोना तब भी शुरू हुआ था जब ज्ञानवापी के भीतर शिवलिंग मिलने का दावा हिंदू पक्ष ने किया था। उस समय कट्टरपंथियों ने शिवलिंग को फव्वारा बता दिया था और कई कट्टरपंथी हिंदू आस्था का मजाक उड़ाते मिले थे। इसके अलावा ये बात भी सामने आई थी कि जहाँ पर हिंदू पक्ष ने शिवलिंग होने का दावा किया है वहाँ इस्लामवादी इतने सालों से हाथ-मुँह धोते थे।