प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के तौर पर मनाने का ऐलान करने के बाद इंटरनेट पर भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की एक तस्वीर शेयर हो रही है। ये तस्वीर कथित तौर पर उस समय की है जब भारत के विभाजन को लेकर कॉन्ग्रेसी अपना वोट दे रहे थे और नेहरू ने भी सबके बीच में अपना हाथ ऊँचा किया हुआ था।
इस तस्वीर को ट्विटर यूजर @IndiaHistorypic ने शेयर किया है। ट्विटर पर इस हैंडल को इतिहास से जुड़ी तस्वीरें पोस्ट करने के लिए पहचाना जाता है। इस हैंडल से शेयर तस्वीर में कई कॉन्ग्रेसी हैं, जो भारत के विभाजन पर हाथ उठा करके अपनी सहमति दे रहे हैं।
1947 :: Congress Delegates Voting For Partition of India
— indianhistorypics (@IndiaHistorypic) August 14, 2021
(Photo- Homai Vyarawalla ) pic.twitter.com/5DjyxundJH
जानकारी के मुताबिक, यह तस्वीर 14 जून 1947 को दिल्ली में हुए कॉन्ग्रेस अधिवेशन की है। इसी दौरान भारत के विभाजन का प्रस्ताव पारित किया गया था। इस प्रस्ताव में माउंटबेटन योजना को स्वीकार किया गया था, जिसमें बंगाल और पंजाब के विभाजन के साथ भारत के विभाजन का निर्णय था। माउंटबेटन योजना की घोषणा 3 जून को की गई थी। इसका सीधा मतलब यही है कि भारत के विभाजन की योजना को कॉन्ग्रेस पार्टी ने केवल 10 दिनों में स्वीकार कर लिया था।
शेयर की गई तस्वीर में बैकग्राउंड में जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गाँधी, डॉ राजेंद्र प्रसाद और गोविंद बल्लभ पंत नजर आ रहे हैं। यह तस्वीर उन्हीं होमाई व्यारावाला (Homai Vyarawala) ने खींची थी, जो उस दौर की कई ऐतिहासिक तस्वीरें खींचने के लिए जाने जाते हैं।
PM मोदी का बड़ा ऐलान
बता दें कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान हमारे लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस (Partition Horrors Remembrance Day)’ के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि देश के बँटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने याद किया कि किस तरह नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गँवानी पड़ी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आशा जताई कि ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस (Partition Horrors Remembrance Day)’ का यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएँ भी मजबूत होंगी। बता दें कि 14 अगस्त ही वो दिन है, जिस दिन भारत के बँटवारे पर मुहर लगी थी। उसके बाद बड़े पैमाने पर खून-खराबा हुआ था।
इसी दिन पाकिस्तान अपना आजादी दिवस भी मनाता है। 14 अगस्त 1947 के बाद दुनिया के इतिहास का सबसे बड़ा माइग्रेशन देखने को मिला था, जब लाखों लोगों को अपनी घर-संपत्ति छोड़ कर भागना पड़ा था। उस दौरान भयानक दंगे हुए थे, खासकर पंजाब और बंगाल में इसका सबसे ज्यादा असर देखने को मिला था, क्योंकि इन दोनों राज्यों का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान में चला गया था। इस पूरे प्रकरण में 1.5 करोड़ लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा था।