Monday, December 23, 2024
Homeसोशल ट्रेंडहिन्दू रीति-रिवाजों व साधु-संतों का अपमान करना 'अभिव्यक्ति की आज़ादी': ET की महिला पत्रकार

हिन्दू रीति-रिवाजों व साधु-संतों का अपमान करना ‘अभिव्यक्ति की आज़ादी’: ET की महिला पत्रकार

पत्रकार वसुधा वेणुगोपाल ने ट्विटर पर यूपी पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए गए पत्रकार प्रशांत कनौजिया का समर्थन करते हुए लिखा कि हिन्दू रीति-रिवाजों व साधु-संतों का अपमान करना 'फ्रीडम ऑफ स्पीच' है।

‘द इकनोमिक टाइम्स’ की पत्रकार ने हिन्दू रीति-रिवाजों का अपमान करने की बात कही है। पत्रकार ने कहा कि हिन्दू रीति-रिवाजों का अपमान करना ‘अभिव्यक्ति की आज़ादी’ के अंतर्गत आता है। पत्रकार वसुधा वेणुगोपाल ने ट्विटर पर यूपी पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए गए पत्रकार प्रशांत कनौजिया का समर्थन करते हुए लिखा कि हिन्दू रीति-रिवाजों व साधु-संतों का अपमान करना ‘फ्रीडम ऑफ स्पीच’ है और पेरियार की भूमि पर यह सब मान्य है। एक क़दम और आगे बढ़ते ही उन्होंने दावा किया कि ‘अभिव्यक्ति की आज़ादी’ के अंतर्गत सभी धर्मों का अपमान किया जा सकता है।

वसुधा ने लिखा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है लोग प्रशांत कनौजिया के उन ट्वीट्स को लेकर क्यों उनकी गिरफ़्तारी को उचित ठहरा रहे हैं, जिसमें उन्होंने हिन्दू रीति-रिवाजों व साधु-संतों को बुरा-भला कहा है। वसुधा वेणुगोपाल की इस ट्वीट का जवाब देते हुए राजू दास ने लिखा कि उन्हें ऐसा कमेन्ट करने से पहले भारत का कानून पढ़ लेना चाहिए क्योंकि भारत में धर्मों का अपमान करने की अनुमति कतई नहीं है। उन्होंने लिखा कि भारत में कई तरह के ईशनिंदा कानून हैं।

जबकि IITian और लेखक संक्रांत सानु ने उन्हें जवाब देते हुए लिखा कि यह सब हिंदुत्व पर हमला करने का एक बहाना है। उन्होंने लिखा कि पैगम्बर मुहम्मद के ख़िलाफ़ टिप्पणी करने वाले की या तो भीड़ द्वारा हत्या कर दी जाएगी या फिर प्रशासन द्वारा उसे दण्डित किया जाएगा। उन्होंने पूछा कि क्या कभी किसी पेरियार भक्त ने इसाई धर्म की आलोचना की है?

बता दें कि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ फेसबुक और ट्विटर पर आपत्तिजनक पोस्ट शेयर करने के आरोप में लखनऊ पुलिस ने शनिवार (जून 8, 2019) को स्वतंत्र पत्रकार प्रशांत जगदीश कनौजिया को उसके आवास से गिरफ्तार किया था। कनौजिया ने गुरुवार (जून 6, 2019) को अपने फेसबुक और ट्विटर अकाउंट से आपत्तिजनक पोस्ट शेयर किया था। आरोपित प्रशांत कनौजिया सोशल मीडिया में फर्जी खबरें फैलाने, हिंदू विरोधी घृणा फैलाने के लिए और खासतौर पर दलितों के खिलाफ घटिया बयानबाजी करने के लिए जाना जाता है। प्रशांत कनौजिया का दलितों और हिंदू संतों पर अभद्र टिप्पणी करने का इतिहास रहा है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -