दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को रविवार (अप्रैल 19, 2020) को मीडिया को संबोधित करते हुए यह कहना भारी पड़ गया कि निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के मजहबी आयोजन की वजह से, खासकर उनमें शामिल विदेशी नागरिकों के कारण आज दिल्ली इन विकट परिस्थितियों से जूझ रहा है। उनके इस बयान के बाद से वे कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गए।
#WATCH Delhi CM Arvind Kejriwal addresses the media https://t.co/6tAu7Zw4da
— ANI (@ANI) April 19, 2020
उनके बयान के तुरंत बाद इस्लामी कट्टरपंथियों ने ट्विटर पर उन पर हमला बोल दिया, क्योंकि वो निजामुद्दीन में तबलीगी जमातियों के गैर जिम्मेदाराना रवैया के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराने से खुश नहीं थे।
Incompetent leaders always blame others for their own mistakes https://t.co/U1MUOzNrrK
— Irfan Zakati (@ZakatiIrfan) April 19, 2020
Dear CM @ArvindKejriwal ..We know your focus on particular community in every Interview and agenda behind it.. You r the first person who communalise this Health crisis to divert your failure but gain sympathy of ur target voters..!!
— Shoaib Akhter (@ishoaibakhter) April 19, 2020
Time will Expose you more !! https://t.co/BTfIGRgFsJ
No. It’s paying the price of your master’s delayed response. Its paying the price of electing you Kejriwal. What a disappointment of a human being. https://t.co/Zaw4fp0yNt
— زین (@MallickZ08) April 19, 2020
सिर्फ सच्चाई को बताने के लिए उनके ऊपर इस्लामोफ़ोबिया तक का भी आरोप लगाया गया।
U r bigot Islamophobic hypocrite @ArvindKejriwal
— SAIYED JAMAL (@DrSAIYEDJAMAL1) April 19, 2020
India is bleeding coz f CM lik u Mr. Kejriwal and PM lik Mr. Modi
Indian Muslims are facing open state sponsored hatred & terrorism in this epidemic@cjwerleman https://t.co/21OjdaEqPy
दिल्ली सीएम को गाली देने में कॉन्ग्रेस समर्थकों ने भी अपना योगदान दिया।
Delhi paid the price of electing you https://t.co/v7hYc5Zr4o
— Abshar (@Aaabshar) April 19, 2020
दिल्ली में निजामुद्दीन के तबलीगी जमात से जुड़े कोरोना के मामले
17 अप्रैल 2020 तक, दिल्ली में कुल 1707 कोरोना पॉजिटिव मामलों में से 1080 मामले ‘स्पेशल ऑपरेशन्स’ से जुड़े हुए थे। बता दें कि दिल्ली सरकार ने तबलीगी जमात घटना से जुड़े मामलों को ‘स्पेशल ऑपरेशन्स’ नाम दिया है।
🏥Delhi Health Bulletin and Testing Status – 17th April 2020 🏥#DelhiFightsCorona pic.twitter.com/cXaItp9hNn
— CMO Delhi (@CMODelhi) April 17, 2020
इसका मतलब है कि दिल्ली में कुल कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों में से 63.27% तबलीगी जमात से जुड़े हुए हैं। इन आँकड़ों को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि दिल्ली ने निजामुद्दीन मरकज में आयोजित मजहबी सभा के लिए एक बड़ी कीमत चुकाई है।
तबलीगी जमात
तब्लीगी जमात का आयोजन मार्च के दूसरे सप्ताह में हुआ था, जिसमें भारत और देश के अन्य हिस्सों के साथ ही विदेशों से आए लोग शामिल हुए थे। यह भारत में कोरोना वायरस का मेगा-स्प्रेडर बन गया है, क्योंकि भारत में एक-तिहाई से अधिक मामले अब उस घटना से जुड़े हैं। जो लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे, वो और उनके परिवार के सदस्य एवं उनके संपर्क में आए लोगोंं का परीक्षण किया जा रहा है। इसमें से अधिकतर लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इस कारण देश में कोरोना वायरस के मामलों में बड़ी तेजी से वृद्धि हुई है।