जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) अब कॉन्ग्रेस (Congress) के नेता हैं और हाल ही में उन्होंने अपने मित्र उमर खालिद से खुद को दूर कर लिया। इतना ही नहीं कन्हैया से जब एक पत्रकार ने उनके दोस्त उमर खालिद (Umar Khalid) पर टिप्पणी के लिए कहा तो वो इससे साफ मुकर गए। उमर खालिद पिछले साल फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए हिंदू विरोधी दंगों (Anti hindu riots) के आरोपितों में से एक है।
कन्हैया की दोस्ती में की दगाबाजी वाली टिप्पणी का यह वीडियो सोशल मीडिया (Social media) पर वायरल हो रहा है। इसके मुताबिक, पत्रकार ने कन्हैया कुमार से पूछा कि क्या उमर खालिद उनके दोस्त हैं या नहीं? इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कन्हैया ने कहा, “तुमसे किसने कहा?” इसके बाद कन्हैया ने आगे पूछा कि पत्रकार को किसने बताया कि वो उमर खालिद के दोस्त हैं, तो पत्रकार ने कहा कि उसने उन्हें एक वीडियो में देखा था। इस पर कन्हैया कुमार ने फिर पूछा कि किस वीडियो में उन्होंने उसे उमर को अपना दोस्त कहते हुए देखा।
बहरहाल, कन्हैया के इस बयान पर कथित ‘लिबरल्स’ और इस्लामवादी (Liberals an silamist) नाराज हो गए और वो अपनी नाराजगी को सोशल मीडिया पर जाहिर कर रहे हैं।
यह मुस्लिमों के लिए सबक
खुद को उदारवादी मानने वाली इरेना अकबर अक्सर घृणित बयानबाजी में लिप्त रहती है। उसने कन्हैया कुमार को पीठ पर छूरा घोंपने वाला करार दिया, जिसने उमर खालिद को धोखा दिया है। उसने लिखा, “एक दोस्त जो आपको आपके कठिन समय में छोड़ देता है, वह पीठ में छुरा घोंपने वाले से कम नहीं है। वह दुश्मन से भी बदतर है। स्वार्थी, अवसरवादी कायर कन्हैया कुमार उमर खालिद की दोस्ती के लायक नहीं थे। उमर के लिए अच्छा है। मुस्लिमों के लिए एक सबक सीखा। हम इसमें अकेले हैं।”
A friend who abandons you in your tough times is no less than a backstabber. He’s worse than an upfront enemy. Kanhaiya Kumar, the selfish, opportunistic coward didn’t deserve Umar Khalid’s friendship. Good riddance for Umar. And a lesson learnt for Muslims. We are in this alone. https://t.co/xMJJzPtzCD
— Irena Akbar (@irenaakbar) December 20, 2021
वहीं दूसरे सोशल मीडिया यूजर ने भी कन्हैया को अवसरवादी करार दिया और कहा कि जिसने रोहित वेमुला की दुखद मौत का फायदा उठाकर अपना राजनीतिक करियर बनाया, वह उमर खालिद से मुँह मोड़ रहा है। यूजर ने ट्वीट किया, “सभी सवर्ण पत्रकारों और कार्यकर्ताओं को शर्म आती है, जिन्होंने दलित और मुस्लिम नेतृत्व पर उनका समर्थन किया था।”
Kanhaiya Kumar Bhumihar has used Rohith Vemula institutional murder to make his own political career. Now he don’t know who is Umar Khalid.
— Harsh (@_ambedkarite) December 20, 2021
Shame to all those savarna journalists and activists who has supported him over the dalit and muslim leadership.
वामपंथी मीडिया पोर्टल द वायर के लिए लिखने वाले स्व-घोषित पत्रकार एम रेयाज ने कन्हैया कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि अधिकतर मुस्लिम और लिबरल्स चाहते थे कि मुस्लिम आरजेडी कैंडिडेट की जगह कन्हैया को वोट दें, लेकिन वो उमर खालिद और मीरान हैदर से दूरी बनाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं।
Many Liberals and Muslims wanted wanted Muslims to vote for him over RJD official candidate.
— M Reyaz, PhD || محمد ریاض (@journalistreyaz) December 20, 2021
This fraud would not even comment and go any distance to disassociate himself from Umar Khalid and Meeran Haider. https://t.co/JJJ9UweNWf
वहीं महुआ नामक यूजर ने इस बात को दुखद करार दिया कि कन्हैया ने उमर खालिद को पहचानने से इनकार कर दिया।
Kanhaiya K disowning Umar Khalid is the saddest thing I read today
— Mahua/ মহুয়া (@mahuadey20) December 21, 2021
उमर खालिद के लिए सहानुभूति की टूलकिट
उमर खालिद दिल्ली दंगों का आरोपित है और फिलहाल जेल में बंद है। लेकिन कन्हैया कुमार का खालिद को दोस्त मानने से इनकार करने का वीडियो इंटरनेट पर वायरल होते ही लिबरल्स और इस्लामिस्टों ने खालिद के समर्थन में ट्वीट करना शुरू कर दिया।
कई लोगों ने ट्विटर पर अपना दोस्त बताते हुए ट्वीट किया, जो कि एक टूलकिट रणनीति जैसा प्रतीत होता है। इन पोस्टों में लिबरल्स खालिद के साथ अपनी सहानुभूति दिखा रहे हैं।
मोदी सरकार (Modi Government) के खिलाफ अक्सर प्रोपेगेंडा फैलाने में समय व्यतीत करने वाले मानवाधिकार ‘कार्यकर्ता’ और एमनेस्टी इंडिया के पूर्व प्रमुख आकार पटेल ने भी ट्वीट किया, “उमर खालिद मेरे दोस्त हैं, मुझे उनकी याद आती है। वो निर्दोष हैं और उम्मीद है कि जल्द ही बाहर होगें। ये अमित और मोदी और बेशर्म पुलिस और न्यायपालिका में बीच फँसे हुए हैं। @UmarKhalidJNU ”
umar khalid is my friend i miss him and hope he’s out soon because he’s innocent and has been stitched up by amit and modi and a shameless and complicit police and judiciary @UmarKhalidJNU
— Aakar Patel (@Aakar__Patel) December 20, 2021
स्व-घोषित राजनीतिक कार्यकर्ता कवलप्रीत कौर को उमर खालिद जैसे दिल्ली दंगों के आरोपित को अपना दोस्त कहने में गर्व हो रहा है। उन्होंने ट्वीट किया, “उमर खालिद को अपना दोस्त कहने में गर्व महसूस करना चाहिए, क्योंकि बहुत से लोग न्याय और सम्मान के लिए खड़े नहीं होंगे, जैसा कि उन्होंने किया और वर्तमान में झूठे आरोपों में जेल में है। उमर खालिद हमारे नेता हैं और हमें उन पर गर्व है।”
One should feel proud to call Umar Khalid his friend, for not many would stand for justice and dignity like he did and is currently doing being in jail on false charges. Umar Khalid is our leader and we are proud of him.
— Kawalpreet Kaur (@kawalpreetdu) December 20, 2021
उमर खालिद और दिल्ली दंगों (Delhi riots) में उनकी भूमिका
लिबरल्स और इस्लामवादी खालिद को अपना दोस्त और नेता भले ही मानते हों, लेकिन हकीकत तो यही है कि उसे 14 सितंबर 2020 को पूर्वी दिल्ली में दंगे भड़काने के मामले में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस (Delhi police) की चार्जशीट में इस बात का खुलासा किया गया था कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प (Donald trump) के भारत दौरे के दौरान खालिद ने अपने साथियों के साथ मिलकर हिंदू विरोधी दंगों की साजिश रची थी। इसके अलावा खालिद कथित तौर पर आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन और एक अन्य आरोपित खालिद सैफी से भी मिला था, ताकि पीएफआई में अपने संपर्कों के जरिए दंगों के दौरान सैन्य सहायता ले सके।