Friday, November 15, 2024
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पूजा भट्ट ने 70% मुस्लिमों की आबादी के बीच गणेश को पूजने वालों को गर्भवती हथनी की हत्या का जिम्मेदार बताया है

पूजा भट्ट ने इस अपराध के लिए धर्म को ही पहला मुद्दा ठहराने का प्रयास किया है इसलिए यदि तमाम सम्भावनाओं को नकार दें और इसमें पचास-पचास प्रतिशत भी दो धर्मों (हिन्दू-मुस्लिम) में से किसी एक के भी अपराधी होने को सत्य मान लिया जाए तब भी यही क्यों मान लिया जाए कि यह कार्य उन लोगों ने किया, जो गणेश की पूजा करते हैं?

केरल में भूखी हथनी को स्थानीय लोगों द्वारा पटाखों से भरा अनानास खिला देने की घटना के बाद बॉलीवुड एक्ट्रेस पूजा भट्ट ने अपनी मूर्खता का उदाहरण पेश करते हुए इसके लिए हिन्दुओं को दोष दिया है। पूजा भट्ट का मानना है कि 70% मुस्लिम आबादी वाले केरल के मल्लपुरम में इस हत्या के लिए गणेश को पूजने वाले लोग जिम्मेदार हैं।

बॉलीवुड एक्ट्रेस पूजा भट्ट (Pooja Bhatt) ने इस गर्भवती हथनी की मौत के बहाने तमाम तथ्य और तर्कों को एक किनारे रखकर ट्वीट किया है –

“हम भगवान गणेश की पूजा करते हैं और हाथियों को मारते हैं और उनका दुरुपयोग करते हैं। हम भगवान हनुमान की आराधना करते हैं और बंदरों को जंजीरों में जकड़े हुए अजीबोगरीब करतब करते हुए देखकर खुश होते हैं। हम देवियों की पूजा करते हैं, लेकिन महिलाओं को गाली देते हैं, उन्हें पंगु बना देते हैं और कन्या भ्रूण हत्या भी करते हैं।”

खुद को ‘ईश्वर की अपनी धरती’ कहने वाले केरल राज्य में हुई इस गर्भवती हथनी की निर्मम हत्या को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा हो रही है लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि इस हत्या को कोई हिन्दुओं की आस्था पर चोट करने का हथियार बनाकर इस्तेमाल करेगा।

पूजा भट्ट से कुछ सवालों में से सबसे पहला तो यह किया जाना चाहिए कि वह इस निष्कर्ष पर आखिर कैसे पहुँची कि मुस्लिम-वामपंथी गठजोड़ वाला यह केरल राज्य, जिसमें 300 वर्ष पहले तक 99% हिन्दू निवास करते थे, और जो अब वर्तमान में केरल की कुल 3.50 करोड़ आबादी का 54.7% भाग रह गए हैं, जहाँ 26.6% मुस्लिम और 18.4% ईसाई रहते हैं, उसी केरल के ही मल्लपुरम, जहाँ 70% मुस्लिम निवास करते हैं, वहाँ पर एक गर्भवती हथनी की मौत के पीछे ‘हिन्दुओं की आस्था’ वजह रही हो?

चूँकि, पूजा भट्ट ने इस अपराध के लिए धर्म को ही पहला मुद्दा ठहराने का प्रयास किया है इसलिए यदि तमाम सम्भावनाओं को नकार दें और इसमें पचास-पचास प्रतिशत भी दो धर्मों (हिन्दू-मुस्लिम) में से किसी एक के भी अपराधी होने को सत्य मान लिया जाए तब भी यही क्यों मान लिया जाए कि यह कार्य उन लोगों ने किया, जो गणेश की पूजा करते हैं? यह तथ्य तो स्वयं विरोधाभासी हो जाता है कि जो हिन्दू हाथियों को भी प्रकृति के साथ पूजनीय मानते हैं, वह एक गर्भवती हथनी के साथ इस तरह का कुत्सित प्रयास करेंगे।

जिस मानसिकता के साथ महेश भट्ट की बेटी ने यह ट्वीट किया है यदि उसी की गहराई में जाएँ तो पता चलता है कि हाथी और गाय की पूजा करने वाले उनका वध भी नहीं करते, दूसरा यह कि हिन्दुओं के अलावा किसी अन्य मजहब में स्त्रियों, प्रकृति और जानवरों को पूजने का जिक्र शायद ही किया गया हो।

अगर दूसरे पहलू पर ध्यान दें तो ‘ओकेजनली’ पर्यावरण पर चिंता व्यक्त करने वाला बॉलीवुड का यह मानसिक दैन्य वर्ग वही है जो जिंदगीभर गोरेपन की क्रीम के विज्ञापनों का चेहरा बनते हैं और सोशल मीडिया पर ‘ब्लैक लाइफ़ मैटर्स’ वाले कैम्पेन चलाते नजर आते हैं। पूजा भट्ट के ट्वीट को देखकर सिर्फ और सिर्फ एक ही निष्कर्ष पर पहुँचा जा सकता है कि जब इंसान सस्ती लोकप्रियता के लिए तथ्य और तर्कों से समझौता कर लेता है तो वह पूजा भट्ट हो जाता है।

ऐसे में पूजा भट्ट जैसी अभिनेत्रियों को अपने पशु-प्रेम की आड़ में खुद को प्रासंगिक बनाए रखने के प्रयास करने से बेहतर है कि वह मौन बनाएँ रखें। कम से कम लोगों में यह तो खुशफ़हमी रहे कि यह चुप रहकर ज्यादा ‘बड़े विचारक’ नजर आते हैं।

गौरतलब है कि केरल के मल्लपुरम में एक गर्भवती हथिनी के साथ पशु दुर्व्यवहार का बेहद क्रूर चेहरा सामने आया है। कुछ दिनों पहले ही एक हथिनी को कुछ लोगों ने ऐसा अनानास खिला दिया था, जिसमें विस्फोटक पटाखे भरे हुए थे। हथिनी को वह अनानास स्थानीय लोगों ने खिलाया था।

इसे खाने के बाद हथिनी के मुँह में ही यह अनानास फट गया, जिस कारण उसका मुँह बुरी तरह से जख्मी हो गया। इसके बाद वह दर्द में तड़पती हुई इधर-उधर भागी, उसने किसी को भी नुकसान नहीं पहुँचाया और आखिर में एक नदी में मुँह डुबाए खड़ी हो गई जहाँ उसकी मौत हो गई। इस घटना से लोग दुखी और आक्रोशित हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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