अक्सर नाम में ‘मजहब’ तलाशने की शिकायत करने वालों ने आज 80 करोड़ जनता में से समुदाय विशेष को अलग कर लिया है। देश के लिबरल गिरोह को शिकायत की है कि पीएम मोदी 5 माह में 80 करोड़ लोगों को अनाज देने की बात तो करते हैं लेकिन इस बीच समुदाय विशेष का जिक्र नहीं करते।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शाम 4 बजे देशवासियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का विस्तार अब दीपावली और छठ पूजा तक, यानी नवंबर माह के आखिर तक किया जाएगा। इस तरह से आने वाले 5 माह में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देने वाली यह योजना जुलाई से नवंबर तक लागू रहेगी।
पीएम मोदी ने मुफ्त राशन की योजना 5 महीने और जारी रखने का ऐलान करते हुए कहा कि इतने बड़े देश में हर गरीब के घर चूल्हा जलता रहे, यह केवल मेहनती किसानों और ईमानदार टैक्स पेयर्स की वजह से संभव हो पाया। लेकिन लिबरल मीडिया और इन्टरनेट उदारवादियों को पीएम मोदी के आज के सम्बोधन ने सरदर्द दे दिया है।
पीएम मोदी के इस संबोधन में उदारवादियों ने 80 करोड़ की इस जनता में मजहबी एंगल तलाश लिया और अब उनका कहना है कि पीएम मोदी ने छठ पूजा और दिपावली का जिक्र तो किया लेकिन समुदाय विशेष के त्यौहार बकरीद का जिक्र नहीं किया है।
दरअसल, अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा – “त्योहारों का ये समय, जरूरतें भी बढ़ाता है, खर्चे भी बढ़ाता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार अब दीवाली और छठ पूजा तक, यानी नवंबर महीने के आखिर तक कर दिया जाए।”
त्योहारों का ये समय, जरूरतें भी बढ़ाता है, खर्चे भी बढ़ाता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार अब दीवाली और छठ पूजा तक, यानि नवंबर महीने के आखिर तक कर दिया जाए: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) June 30, 2020
इसी पर उदारवादियों को समस्या है। ऐसी शिकायत करने वालों में शेखर गुप्ता के द प्रिंट के पत्रकारों से लेकर प्रोपेगेंडा समाचार चैनल NDTV के पत्रकार तक शामिल हैं।
जैनाब सिकंदर ने ट्विटर पर लिखा है – “172 मिलियन लोगों के एक राष्ट्र के पीएम ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में ईद के त्यौहार (जो अगस्त में है) का उल्लेख नहीं किया है। उन्होंने आने वाले महीनों में हर त्यौहार का जिक्र किया लेकिन ईद का नहीं। तुच्छ। नहीं, सुंदर नहीं। मैंने कहा तुच्छ।”
PM of a nation of with 172 million Muslims doesn’t mention the festival of Eid (which is in August) in his address to the nation. He mentions EVERY festival that’s in the coming months.
— Zainab Sikander (@zainabsikander) June 30, 2020
Petty. No not pretty. I said petty.
वहीं NDTV के ही एक रिपोर्टर सोहित मिश्रा ने ट्वीट में लिखा – “इस साल ईद नहीं है क्या? देश में अब उसपर भी बैन लग गया? भाषण में ज़िक्र भी नहीं। वैसे चीन का भी ज़िक्र नहीं था, पर चना के बारे में ज़रूर बोला है।”
इस साल ईद नहीं है क्या? देश में अब उसपर भी बैन लग गया? भाषण में ज़िक्र भी नहीं।
— sohit mishra (@sohitmishra99) June 30, 2020
वैसे चीन का भी ज़िक्र नहीं था,पर चना के बारे में ज़रूर बोला है.. 😁
कुश अम्बेडकरवादी ने लिखा है – “छठ पूजा याद रही और ईद को भूल गए, कितना गिरोगे साहेब #झूठा_मोदी।”
ट्विटर पर अक्सर विवादों में घिरे रहने वाले हंसराज मीणा ने लिखा है – “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, ईद की याद नहीं आई कोई बात नहीं, लेकिन कम से कम देश के 20 जवानों की शहादत को ही याद कर लेते।”
प्रधानमंत्री @narendramodi जी, ईद की याद नहीं आई कोई बात नहीं, लेकिन कम से कम देश के 20 जवानों की शहादत को ही याद कर लेते।
— Hansraj Meena (@HansrajMeena) June 30, 2020