सोमवार (फरवरी 1, 2021) को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट प्रस्तुत किया और कोविड -19 महामारी की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़े बुरे प्रभाव के बाद इसे पुनर्जीवित करने के उपायों की घोषणा की। हालाँकि, जब सीतारमण बजट पेश कर रही थीं, इस दौरान लोगों की नजर पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी पर पड़ी।
राहुल गाँधी के उदासीन चेहरे और झपकती पलकों को देखकर साफ पता चल रहा था कि वो ‘बोर’ हो रहे हैं। ऐसा लग रहा था कि जैसे किसी ने उन्हें जबर्दस्ती वहाँ बिठा दिया हो और वो किसी तरह से वहाँ से निकलना चाहते हों। इस तस्वीर में राहुल गाँधी अपना सिर पकड़े हुए दिखाई दे रहे हैं और आँखें भी आधी बंद है, जैसे कि वो हल्की नींद में हों, झपकी ले रहे हों। उनकी तस्वीर देखकर ऐसा लग रहा है जैसे वो इससे छुटकारा पाना चाहते हों।
इसके तुरंत बाद यह तस्वीर ट्विटर पर वायरल हो गई, जिससे मीम्स और जोक्स की बौछार शुरू हो गई। वैसे ये पहली बार नहीं है, इससे पहले भी राहुल गाँधी की संसद में आँख मारने वाली तस्वीर वायरल हुई थी।
देखें माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर वायरल ट्वीट्स:
Going to office after one year of Work from home. #Budget2021 pic.twitter.com/n9qnMugVJS
— Sharpasm (@Sharpasm7) February 1, 2021
बायोलॉजी क्लास vs मैथ्स क्लास:
In Biology class In Maths class pic.twitter.com/1nCN7tSE6Y
— Pakchikpak Raja Babu (@HaramiParindey) February 1, 2021
एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि राहुल गाँधी सोच रहे होंगे, “यहाँ बजट कुछ समझ आ नहीं रहा और वहाँ छोटा भीम का एपिसोड निकला जा रहा है यार।”
Rahul: Yha budget kuch samajh aa nahi rha, aur wha Chotta Bheem ke episode nikla ja rha hai yaaaar. pic.twitter.com/i680SBLNVP
— Chauhan🚩♥️🇮🇳 (@Chauhan10A) February 1, 2021
ये क्या हो रहा है, कब ख़त्म होगा?
#Budget2021
— Gargi Shaktawat (@ShaktawatGargi) February 1, 2021
Rahul Gandhi : Ye kya horha hai kab khatm hogaa?
He never let us feel bore😂🙌🏻 Such a nice person.. pic.twitter.com/t9XWm1hCeY
एक ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि राहुल गाँधी सोच रहे होंगे, “किधर फँस गया रे बाबा… खिड़की भी नहीं है कि बाहर देख सकूँ… मोबाइल भी नहीं कि ट्वीट कर लूँ… बजट से बैंकॉक अच्छा।”
Kidher phas gaya re baba… Window bhi nahi hai ki bahar dekh sakoon… Mobile bhi nahi ki tweet kar loon… #Budget2021 se Bangkok aacha #RahulGandhi pic.twitter.com/KJgfdV3CkR
— 🦉AHUM ANSARI🦉 (@charmer_d_saint) February 1, 2021
मुझे सुबह ऑनलाइन क्लास अटेंड करना है:
Me Attending Online Class in Morning ..#RahulGandhi pic.twitter.com/g34LInn8EW
— Amarttya Satapathy (@sarcasm_unoffic) February 1, 2021
एक अन्य यूजर ने लिखा कि राहुल गाँधी शायद यह बोलना चाह रहे हों कि अरे जल्दी बोल, जर्मनी निकलना है। बता दें कि राहुल गाँधी ज्यादातर विदेश यात्रा पर रहते हैं और इसको लेकर उन्हें लगातार ट्रोल किया जाता रहा है।
Arey jaldi bol, germany nikalna hai pic.twitter.com/FtvwXOCLVM
— InGenious (@Bees_Kut) February 1, 2021
भक्ति नाम की यूजर ने लिखा, “यार सब लोग ‘gadget gadget’ चिल्ला रहे थे, मुझे लगा कि डोरेमॉन नए ‘gadget’ की घोषणा करेगा, ये तो ‘budget’ निकला।”
Yar Sab log itna ‘gadget gadget’ chilla rahe the, mujhe laga Doraemon naye ‘gadget’ ki announcement Karega, yeh toh ‘budget’ nikla!#Budget2021 pic.twitter.com/LdavIYBIDu
— Bhakti (@Bhakti_Varak) February 1, 2021
बता दें कि कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट पेश किए जाने के बाद आरोप लगाया कि सरकार की योजना भारत की संपत्तियों को अपने पूँजीपति मित्रों को सौंपने की है।उन्होंने ट्वीट किया, ”सरकार लोगों के हाथों में पैसे देने के बारे में भूल गई। मोदी सरकार की योजना भारत की संपत्तियों को अपने पूँजीपति मित्रों को सौंपने की है।”
Forget putting cash in the hands of people, Modi Govt plans to handover India’s assets to his crony capitalist friends.#Budget2021
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 1, 2021
कॉन्ग्रेस नेता ने बजट पेश किए जाने से पहले कहा था कि बजट में छोटे एवं मझोले कारोबारियों की मदद करने के साथ स्वास्थ्य और रक्षा खर्च में बढ़ोतरी किए जाने की जरूरत है।
#Budget2021 must:
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 1, 2021
-Support MSMEs, farmers and workers to generate employment.
-Increase Healthcare expenditure to save lives.
-Increase Defence expenditure to safeguard borders.
उन्होंने कहा था, “बजट -2021 में एमएसएमई, किसानों और कामगारों की मदद की जानी चाहिए ताकि रोजगार का सृजन हो सके । लोगों के जीवन बचाने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च बढ़ाया जाए। सीमाओं की सुरक्षा के लिए रक्षा खर्च में बढ़ोतरी हो।”