Sunday, November 17, 2024
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अफवाह और जिहाद का अड्डा बन गया है टिकटॉक, उठी बैन करने की माँग

कुछ ऐसे युवकों की गिरफ्तारी भी हुई है, जो टिकटॉक वीडियो के जरिए यह बताते देखे गए कि कोरोना अल्लाह का अजाब (कहर) है। एक युवक को टिकटॉक पर 500 रुपयों की गड्डी पर अपनी नाक पोंछते हुए देखा गया। ऐसा करने के पीछे वायरस के संक्रमण को बढ़ाने का सन्देश देना था।

देश में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या आज तीन हजार के आँकड़े को पार कर गई है। इसमें तबलीगी जमात की घटना के बाद मुख्यधारा की मीडिया और सोशल मीडिया पर निरंतर सवाल भी उठने शुरू हुए। इस मामले ने नई करवट तब ली, जब ट्विटर पर रविवार (अप्रैल 05, 2020) को ‘जिहाद फैलाता टिकटॉक’ (#जिहाद_फैलाता_TikTok) ट्रेंड करने लगा।

दरअसल, लॉकडाउन के बावजूद देखा जा रहा है कि समुदाय विशेष के लोग निरंतर लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं और कोरोना को लेकर हर तरह की अफवाहों को बढ़ावा दे रहे हैं। इन घटनाओं ने पुलिस और प्रशासन के काम को दोगुना कर दिया है। समुदाय विशेष में ऐसी भी अफवाहें निरंतर देखने को मिल रही हैं जिनमें कोरोना वायरस का इलाज सुन्नत और नमाज पढ़ना बताया जा रहा है। यही नहीं, कुछ मौलवी भी यह कहते देखे गए हैं कि ताबीज पहनकर कोरोना वायरस पर काबू पाया जा सकता है।

इस प्रकार की अफवाह और वीडियो का सबसे बड़ा स्रोत सोशल मीडिया पर टिकटॉक नामक मोबाइल एप्लिकेशन बनती जा रही है। खास बात यह है कि कोरोना वायरस की महामारी के बीच भी टिकटॉक पर इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा हिन्दू लड़कियों से शादी कर उन्हें इस्लाम अपनाने जैसे वीडियो भी जारी हैं।

ट्विटर पर टिकटॉक को बैन करवाने की माँग के पीछे एक अन्य कारण चीन भी है। कुछ लोगों के गुस्से का कारण चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस है, इसलिए उनकी माँग है कि भारत सरकार ‘टिक टॉक’ पर प्रतिबंध लगाए क्योंकि यह ऐप भी चायनीज कंपनी बाइटडांस की है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ट्विटर पर टिकटॉक को जिहादी बताया जा रहा है और इसे बैन करने की माँग की जा रही है। ट्विटर पर इस समय #जिहादी_TikTok टॉप ट्रेंड चल रहा है।

ट्विट्टर यूजर्स का कहना है कि टिकटॉक ऐप जिहाद और अफवाहों का मुख्य स्रोत बन चुका है, इसलिए इसे बंद करना जरूरी है। लोगों का मानना है कि टिकटॉक पर 70-80% समुदाय के लोग हैं। जिन्हें टिकटॉक एप्लीकेशन जिहाद करने के लिए कपड़े, जूते और पैसे देता है।

कुछ लोगों का कहना है कि ज्यादातर हिन्दू लड़कियाँ ‘जिहादी टिकटकियों’ की फैन बन जाती हैं और उनसे बातचीत करने लगती हैं। जिसके बाद मामला मुलाक़ात तक पहुँच जाता है। और फिर बाद में वो इस्लाम कबूल कर के जिहाद का शिकार हो जाती हैं।

टिकटॉक पर निरंतर ऐसे वीडियो वायरल होते रहते हैं, जो जिहाद को बढ़ावा देते हुए देखे जाते हैं और लोग इस बारे में पहले भी अपनी आपत्ति दर्ज करते देखे जा चुके हैं। लेकिन अब शायद यह मामला गंभीर होता नजर आ रहा है।

इसके अलावा, कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर भी टिकटॉक पर कई ऐसे वीडियो वॉयरल हो रहे हैं, जिन्हें देखकर आम जनता आसानी से भ्रमित भी हो जाती है और ऐसी अफवाहों का शिकार होने में उन्हें देर नहीं लगती।

उल्लेखनीय है कि कई देशों में टिकटॉक प्रतिबंधित है। मद्रास हाईकोर्ट ने भी टिकटॉक पर बैन लगाया था। हालाँकि मद्रास हाईकोर्ट ने इसके पीछे अश्लीलता को बढ़ावा देने जैसे तर्क दिए थे।

हाल ही में कुछ ऐसे युवकों की गिरफ्तारी भी हुई है, जो टिकटॉक वीडियो के जरिए यह बताते देखे गए कि कोरोना अल्लाह का अजाब (कहर) है। एक युवक को टिकटॉक पर एक ऐसा वीडियो बनाते हुए पकड़ा गया था, जो 500 रुपयों के नोटों की गड्डी पर अपनी नाक पोंछते हुए देखा गया था। ऐसा करने के पीछे युवक की मंशा इस वायरस के संक्रमण को बढ़ाने का सन्देश देना तो था ही, साथ में वह इस वायरस को अल्लाह का कहर भी कहते हुए देखा गया। हालाँकि, सोशल मीडिया पर इस वीडियो के वायरल होते ही इस युवक को नासिक पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

लॉकडाउन के दौरान कट्टरपंथियों की हरकतों ने पहुँचाया नुकसान

देखा गया है कि भारत में कट्टरपंथी समूह सामाजिक दूरी और महामारी के प्रसार का मुकाबला करने के लिए सामान्य उपायों का पालन नहीं कर रहे हैं। कुछ विचलित कर देने वाले वीडियो सामने आ रहे हैं, जिसमें समुदाय के पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर पथराव करते हुए, उन पर थूकते हुए और व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश करने वाले पुलिसकर्मियों के साथ भी अभद्रता करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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