Tuesday, November 5, 2024
Homeसोशल ट्रेंड'खुदकुशी हराम, वह काफिर था': सुशांत सिंह की मौत पर शोक जता कट्टरपंथियों के...

‘खुदकुशी हराम, वह काफिर था’: सुशांत सिंह की मौत पर शोक जता कट्टरपंथियों के निशाने पर आए पाकिस्तानी सितारे

पाकिस्तानी क्रिकेटर शान मसूद ने सुशांत की आत्महत्या पर दुख व्यक्त करते हुए ट्विटर पर उनकी आत्मा की शांति के लिए कामना की। इसकी वजह से उन्हें गालियाँ दी गई कि उन्होंने एक 'काफिर' की आत्महत्या पर दुख जताया।

बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने रविवार (जून 14, 2020) को मुंबई के अपने घर में आत्महत्या कर ली। उनकी मौत किसी सदमे से कम नहीं है। सुशांत की आत्महत्या से हर कोई हैरान, स्तब्ध है। बॉलीवुड से लेकर क्रिकेट जगत तक इस खबर से स्तब्ध है।

सभी ने सुशांत की मौत पर संवेदनाएँ व्यक्त कीं। इसी कड़ी में पाकिस्तानी शख्सियतों ने भी शोक व्यक्त किया। हालाँकि इसके लिए वे अपने ही देशवासियों के निशाने पर आ गए। एक ‘काफिर’ की मौत पर शोक जताने के लिए उन्हें इस्लामी कट्टरपंथियों ने निशाना बनाया।

पाकिस्तानी क्रिकेटर शान मसूद ने सुशांत की आत्महत्या पर दुख व्यक्त करते हुए ट्विटर पर उनकी आत्मा की शांति के लिए कामना की। इसकी वजह से उन्हें गालियाँ दी गई कि उन्होंने एक ‘काफिर’ की आत्महत्या पर दुख जताया।

उनसे कहा गया कि वे उन दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना न करें, जो दूसरे धर्म के हैं।

एक हिंदू की मौत पर शोक जताने के लिए उन पर ‘liberal’ होने का भी आरोप लगाया गया।

इसी तरह, पाकिस्तानी अभिनेत्री माहिरा खान पर राजपूत की आत्महत्या पर शोक व्यक्त करने के लिए हमला किया गया। बता दें कि माहिरा ने बॉलीवुड फिल्मों में भी अभिनय किया है।

बुशरा सिद्दीकी नाम का एक शख्स, जिसके नाम के आगे पाकिस्तान झंडा लगा था, ने नफरत भरा ट्वीट किया।

एक अन्य ट्विटर यूजर ने बताया कि आत्महत्या ‘हराम’ है और ‘काफिर’ को तो किसी भी हालत में स्वर्ग नहीं मिल सकता। उसने लिखा, “खुदकुशी करने वालों की मौत हराम है और फिर काफिर के लिए तो जन्नत है ही नहीं।”

एक शख्स ने माहिरा को सुझाव दिया कि मानवता दिखाना अच्छा है, लेकिन ‘काफिरों’ के लिए मजहब को मत भूलना। उसने लिखा, “न जाने क्यों हम लोग ‘काफिर’ की शांति के लिए कामना करते हैं, जबकि कुरान कहता है कि जो लोग उसके दीन को स्वीकार किए बिना मर जाते हैं वे नरक में जाएँगे? मानवता दिखाना अच्छा है लेकिन कम से कम अपने मजहब के बारे में मूर्ख मत बनो।”

इसी तरह, पाकिस्तानी अभिनेता हुमायूँ सईद पर भी ‘काफिर’ की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने के लिए हमला किया गया।

गौरतलब है कि इस साल दुनिया को अलविदा कह के जाने वाले सिने हस्तियों की सूची में सुशांत सिंह राजपूत का नाम भी जुड़ गया है। उन्होंने मुंबई स्थित अपने घर में फाँसी लगा कर आत्महत्या कर ली। उनकी लाश उनकी ही फ्लैट में पंखे से लटकी हुई मिली। घर के नौकर ने पुलिस को ये जानकारी दी। 

सुशांत सिंह राजपूत ने सबसे पहले ‘किस देश में है मेरा दिल’ नाम के धारावाहिक में काम किया था पर वो एकता कपूर के धारावाहिक ‘पवित्र रिश्ता’ से लोकप्रिय बने। इसके बाद उन्होंने फिल्मों का सफर शुरू किया था। सुशांत फिल्म ‘काय पो छे’ में मुख्य अभिनेता के रूप में दिखे थे। उस फिल्म में उनके अभिनय की तारीफ भी हुई थी। उन्होंने क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी की बॉयोपिक, ‘सोनचिड़ैया’ और ‘छिछोरे’ जैसी फिल्मों में काम किया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

आगरा के जिस पार्क से ताजमहल को निहारते थे सैलानी, उसकी 6 बीघा जमीन एक किसान ने ट्रैक्टर से जोत दी; बाड़ लगा प्रवेश...

आगरा के जिस 11 सीढ़ी पार्क से सैलानी सूर्यास्त के समय ताजमहल को निहारते थे, उसके एक बड़े हिस्से को किसान मुन्ना लाल ने ट्रैक्टर से जोत दिया है।

हर निजी संपत्ति ‘सामुदायिक संसाधन’ नहीं, सरकार भी नहीं ले सकती: प्राइवेट प्रॉपर्टी पर सुप्रीम कोर्ट ने खींची नई लक्ष्मण रेखा, जानिए अनुच्छेद 39(B)...

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 39(B) के तहत सभी निजी संपत्तियों को 'सामुदायिक संसाधन' नहीं माना जा सकता।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -