केरल के एक ईसाई युवक की हत्या के मामले में उसके लिए ‘दलित ईसाई’ शब्द के इस्तेमाल पर The News Minute पोर्टल की सम्पादक धन्या राजेंद्रन को ट्विटर पर लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। कई लोगों ने उन्हें आड़े हाथों लेते हुए इस शब्द की वैधता पर ही सवाल खड़े किए। उनके अनुसार हिन्दू धर्म के बाहर इस शब्द के इस्तेमाल का कोई औचित्य नहीं है।
दरअसल राजेंद्रन ने केरल के युवक केविन पी जोसेफ़ की हत्या के मामले में केरल के सेशन कोर्ट द्वारा 10 को दोषी ठहराने की खबर शेयर करते हुए कहा था कि ‘दलित ईसाई’ युवक की हत्या में दस लोगों को दोषी पाया गया है।
Justice for Kevin Joseph. Ten accused found guilty of murdering this young Dalit Christian man pic.twitter.com/6C65h4eLNp
— Dhanya Rajendran (@dhanyarajendran) August 22, 2019
Dalit Christian???
— Sanjeev Sood (@Golu29) August 22, 2019
How come???
If converted they are no longer Dalit, and stand to lose all reservation benefits.
You guys need to be responsible while reporting, not everything needs to be agenda driven. Btw it seems 2 b a case of honor killing.
RIP!!
Kevin Joseph was killed by his brother in law Chako John last year in some family dispute matter.
— Rishi Bagree ?? (@rishibagree) August 22, 2019
Fail to understand why this phrase “Dalit Christian” is used here.
What’s a ‘Dalit’ Christian?
— Vikas Pandey (@MODIfiedVikas) August 22, 2019
It’s good that you have called him ‘Dalit Christian’ bcz he was murdeπed by the Christian girl’s family only bcz he was a Dalit before he got converted.
— Scar (@RAC7R) August 22, 2019
But so called Dalit activists like @PJkanojia, @jigneshmevani80 won’t speak for him bcz secularism.
कानूनी रूप से नहीं है ‘दलित ईसाई’ का अस्तित्व
कानूनी रूप से ‘दलित ईसाई’ वैध नहीं है। दलित के रूप में वर्गीकरण केवल हिन्दुओं, सिखों और बौद्धों का ही हो सकता है। हालाँकि कई दलित संगठन ईसाईयों और समुदाय विशेष को भी यह दर्जा दिलाने के लिए प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अब तक ऐसा हुआ नहीं है।