Sunday, November 17, 2024
Homeसोशल ट्रेंड'दलित ईसाई' शब्द के इस्तेमाल पर The News Minute की सम्पादक को लोगों ने...

‘दलित ईसाई’ शब्द के इस्तेमाल पर The News Minute की सम्पादक को लोगों ने लताड़ा

कानूनी रूप से 'दलित ईसाई' वैध नहीं है। दलित के रूप में वर्गीकरण केवल हिन्दुओं, सिखों और बौद्धों का ही हो सकता है। हालाँकि कई दलित संगठन ईसाईयों और समुदाय विशेष को भी यह दर्जा दिलाने के लिए प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अब तक ऐसा हुआ नहीं है।

केरल के एक ईसाई युवक की हत्या के मामले में उसके लिए ‘दलित ईसाई’ शब्द के इस्तेमाल पर The News Minute पोर्टल की सम्पादक धन्या राजेंद्रन को ट्विटर पर लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। कई लोगों ने उन्हें आड़े हाथों लेते हुए इस शब्द की वैधता पर ही सवाल खड़े किए। उनके अनुसार हिन्दू धर्म के बाहर इस शब्द के इस्तेमाल का कोई औचित्य नहीं है।

दरअसल राजेंद्रन ने केरल के युवक केविन पी जोसेफ़ की हत्या के मामले में केरल के सेशन कोर्ट द्वारा 10 को दोषी ठहराने की खबर शेयर करते हुए कहा था कि ‘दलित ईसाई’ युवक की हत्या में दस लोगों को दोषी पाया गया है।

कानूनी रूप से नहीं है ‘दलित ईसाई’ का अस्तित्व

कानूनी रूप से ‘दलित ईसाई’ वैध नहीं है। दलित के रूप में वर्गीकरण केवल हिन्दुओं, सिखों और बौद्धों का ही हो सकता है। हालाँकि कई दलित संगठन ईसाईयों और समुदाय विशेष को भी यह दर्जा दिलाने के लिए प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अब तक ऐसा हुआ नहीं है

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -