द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने 14 अगस्त को फेसबुक के एक वरिष्ठ अधिकारी पर कथित रूप से भाजपा का पक्ष लेने का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित किया था। इसके बाद से कॉन्ग्रेस पार्टी और उसका इकोसिस्टम फेसबुक की सार्वजनिक नीति निदेशक अँखी दास को लगातार निशाना बना रहे हैं।
डब्ल्यूएसजे की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कॉन्ग्रेस पार्टी और उसके इकोसिस्टम ने आरोप लगाया था कि अँखी दास ने अभद्र भाषा का प्रयोग करने वाले भाजपा और हिंदुत्व का समर्थन करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई का विरोध किया था। हालाँकि, अपने द्वारा किए गए दावे को सही ठहराने के लिए न ही डब्ल्यूएसजे और न ही कॉन्ग्रेस और उसके इकोसिस्टम ने कोई सबूत पेश किया।
जैसे-जैसे कॉन्ग्रेस पार्टी और कुछ मीडिया नेटवर्क द्वारा अँखी दास के खिलाफ लगाए गए आरोप कम होने लगे, कॉन्ग्रेस पार्टी ने दोबारा व्यक्तिगत रूप से दास पर हमला करते हुए उन्हें ट्रोल करने लगी। कॉन्ग्रेस ने बेबुनियाद आरोप लगाते हुए दावा किया कि दास के आरएसएस से संबंधित समूहों के साथ संबंध थे।
कॉन्ग्रेस पार्टी के प्रति सहानुभूति रखने के लिए प्रसिद्ध ट्रोल साकेत गोखले ने ऐसा ही एक आरोप लगाया था। गोखले ने आरोप लगाया था कि अँखी दास के आरएसएस से जुड़े ग्रुप्स के साथ संबंध है।
शनिवार को, गोखले ने दावा किया था कि अँखी दास ने वर्ल्ड आर्गेनाइजेशन स्टूडेंट्स एंड युथ (WOSY) के सत्रों में भाग लिया। इस युवा समूह का नेतृत्व उसकी बहन रश्मि दास करती है। कॉन्ग्रेस से हमदर्दी रखने वाले साकेत ने यह भी कहा कि WOSY का कार्यालय दिल्ली में आरएसएस के संगठन का कार्यालय एक ही इमारत में स्थित था।
अँखी दास को निशाना बनाने की जल्दबाजी में, गोखले ने WOSY इवेंट की एक तस्वीर को पोस्ट किया। जिसमें उन्होंने दावा किया कि अँखी दास इस कार्यक्रम में भाग ले रही थी। हालाँकि, जिस व्यक्ति के तस्वीर को उन्होंने अपने पोस्ट में शेयर किया था, वह अँखी दास नहीं बल्कि उनकी जुड़वाँ बहन डॉ रश्मि दास थी।
बता दें कि इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाली अँखी दास नहीं, बल्कि उनकी जुड़वाँ बहन रश्मि दास थी। रश्मि दास जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में एबीवीपी की एक पदाधिकारी भी रह चुकी है।
ABVP, WOSY ने फर्जी दावों का जवाब
हमेशा की तरह ही साकेत गोखले ने लोगों को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी खबरों का सहारा लिया था। वहीं गोखले द्वारा फैलाए गए फर्जी खबर को एबीवीपी और डब्ल्यूओएसवाई ने खारिज कर दिया। WOSY ने उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी भी दी है।
डब्ल्यूओएसवाई ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक बयान जारी करते हुए कहा कि अँखी दास के सत्रों में शामिल होने वाला दावा पूरी तरह से गलत व झूठ है।
WOSY takes strong objection to the fake news peddled by Mr Saket Gokhale about our former Chairperson Dr Rashmi Das & her sister.
— WOSY (@wosy_org) August 16, 2020
WOSY demands an apology from @SaketGokhale for misusing Dr Rashmi Das’ picture & insinuating that Ms Ankhi Das attended WOSY conference. pic.twitter.com/1Gvj3pztmE
इसके साथ ही उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि रश्मि दास दो दशकों से अधिक समय से WOSY के साथ हैं। डब्ल्यूओएसवाई ने यह भी कहा कि डॉ रश्मि दास के साथ इसका संबंध पूरी तरह स्वैच्छिक था और इसका उद्देश्य भारत में रहने वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के बीच ‘वसुधैव कुट्टम्बकम’ की अवधारणा को फैलाना था।
डब्ल्यूओएसवाई ने गोखले के पोस्ट को हटाने की माँग करते हुए उनसे सार्वजनिक रूप से माफी माँगने के लिए भी कहा। इसके साथ उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अगर साकेत उनकी बात नहीं मानते हैं, तो डब्ल्यूओएसवाई उनके खिलाफ जनता में फर्जी खबरें, घृणा और अशांति फैलाने के लिए कानूनी कार्रवाई करेगा।
वहीं एबीवीपी की जेएनयू यूनिट ने भी रविवार को गोखले के खिलाफ एक बयान जारी किया था। जिसमें उन्होंने गोखले को रश्मि दास के खिलाफ लगाए गए झूठे आरोपों के लिए उनकी आलोचना करते हुए कहा कि गोखले द्वारा किया गया यह काम सिर्फ लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचने के लिए एक घटिया प्रयास है। और कॉन्ग्रेस द्वारा फैलाया गई “झूठी खबर।” एबीवीपी जेएनयू ने साकेत गोखले को कॉन्ग्रेस का “string-puppet journalist” भी बताया।
एबीवीपी ने साकेत गोखले को “राहुल गाँधी के जाने-माने अनुयायी और प्रशंसक” बताया और कहा कि वह “कॉन्ग्रेस के संरक्षण में” फर्जी खबरें और झूठे प्रचार करते रहते हैं।
एबीवीपी से अपने संबंधों को कभी नहीं छिपाया
इस बीच, अँखी दास की जुड़वाँ बहन डॉ रश्मि दास ने विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके राजनीतिक झुकाव के कारण उन पर हमला किया जा रहा है। टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए, रश्मि दास ने कहा कि उन्होंने कभी भी एबीपीपी के साथ अपने संबंधों नहीं छिपाया। बता दे रश्मि दास, अँखी से 2 मिनट बड़ी है।
उन्होंने कहा, “मैं जेएनयू में एबीवीपी के साथ जुड़ी थी। जेएनयू से मैंने अंतरराष्ट्रीय संबंधों में पीएचडी की थी। मैं छात्रसंघ की महासचिव थी। एबीवीपी और संघ के संगठनों के साथ मैंने 25 वर्षों तक काम किया है , जिसके बारे में सभी को पता है।”
दिलचस्प बात यह है कि दोनों बहनें जेएनयू में पढ़ी हैं। डॉ रश्मि दास ने कहा कि यह गलत है कि उन्हें अपमानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अँखी और मैं जुड़वा हैं और मैं न तो अपनी पहचान छिपा सकती हूँ और न ही अपने अतीत या चल रहे काम को छिपा सकती हूँ।
साकेत गोखले द्वारा लगाए गए झूठे आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए, रश्मि दास ने कहा, “मैं उसकी बहन हूँ, मेरे कामों को लेकर उस पर झूठे दावे किए जा रहे है। मेरे इमेज को मेरी बहन पर मढ़ा जा रहा यह कहते हुए कि उसने WOSY के कार्यक्रम में भाग लिया था, जो कि गलत है।”