भारत में समुदाय विशेष, महिलाओं, और आदिवासियों को ‘दुनिया को नोटिस’ करने के लिए ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ विरोध प्रदर्शन की तरह विरोध करने का आग्रह कर उन्हें भड़काने वाले एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के पूर्व कार्यकारी निदेशक आकार पटेल का ट्विटर एकाउंट ‘इंडिया’ के लिए सस्पेंड (विदस्टैंड) कर दिया गया है।
इस पर राजदीप सरदेसाई आकार पटेल के बचाव में उतर गए हैं। राजदीप ने आकार पटेल के अकाउंट सस्पेंड होने पर ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है – “
“ट्विटर एक अजीब हालात में: यह पूर्व एमनेस्टी प्रमुख और पत्रकार आकार पटेल को ब्लॉक करता है, लेकिन अपमानजनक अनाम हैंडल को सांप्रदायिक जहर उगलना जारी रखने की अनुमति देगा.. एक स्पष्ट पारदर्शी नीति की आवश्यकता है।
Twitter in a strange space: blocks former Amnesty head and journalist @Aakar__Patel account but will allow abusive anonymous handles to continue to spew communal venom.. need to have a clear transparent policy..
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) June 12, 2020
आकार पटेल का ट्विटर अकाउंट सस्पेंड होने के बाद –
भड़काऊ ट्वीट करने के बाद पत्रकार और एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के कार्यकारी निदेशक आकार पटेल के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। उनके खिलाफ में बेंगलुरु के जेसी नगर पुलिस स्टेशन के पुलिस इंस्पेक्टर नागराजा डीआर द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया है।
इसमें पटेल पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने पूरे भारत में अमेरिका की तरह के विरोध-प्रदर्शन आयोजित करने के लिए अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को भड़काने और उकसाने की कोशिश की।
दरअसल, 31 मई को आकार पटेल ने ‘कोलोराडो टाइम्स रिकॉर्डर’ के एक ट्वीट के हवाले से एक ट्वीट किया था, जिसमें अमेरिका में विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों का एक वीडियो शेयर किया गया था। इस वीडियो के साथ ट्वीट में आकार पटेल ने लिखा था कि भारत के खास समुदाय, दलितों, आदिवासियों, महिलाओं और गरीबों को भी इनकी तरह विरोध-प्रदर्शन करने की आवश्यकता है। इसे दुनिया देखेगी। प्रदर्शन करना भी एक कला है।
भड़काऊ ट्वीट के कारण FIR हो चुकी है दर्ज
आकार पटेल के खिलाफ आईपीसी की धारा 505 (1)(बी), धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से गलत तरीके से उकसाना) और धारा 117 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि साइबर क्राइम पुलिस और राज्य के खुफिया अधिकारी अमेरिका में हिंसक विरोध प्रदर्शन में लिप्त लोगों की प्रतिक्रियाओं पर नजर रखे हुए हैं। एक अधिकारी ने कहा कि वह मामले की जाँच में जुटे हुए हैं।
आकार पटेल ने ‘कोलाराडो टाइम्स रिकॉर्डर’ का एक वीडियो क्लिप पोस्ट किया था जिसमें दिख रहा है कि हज़ारों लोग कोलाराडो के कैपिटोल बिल्डिंग के पास अश्वेत अमरीकी नागरिक जॉर्ज फ़्लॉयड की हत्या के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
हालाँकि, आकार पटेल द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में एक शांतिपूर्ण विरोध दिखाया गया था। लेकिन अमेरिका में चल रहे विरोध-प्रदर्शनों में हिंसा, दंगा, आगजनी और लूटपाट जमकर हुई है। आपको बता दें कि मिनियापोलिस में एक श्वेत पुलिस अधिकारी द्वारा अफ्रीकी अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की कथित हत्या के बाद बड़े स्तर पर विरोध-प्रदर्शन हुए, लेकिन बाद में ये हिंसा और दंगों में तब्दील हो गए।
इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने पुलिस टीमों पर भी हमला किया है। ऐतिहासिक स्थानों सहित पुलिस वाहनों को निशाना बनाते हुए उग्र प्रदर्शनकारियों ने दुकानों को लूटा और कई घरों व सार्वजनिक संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया।
इसके बाद से भारत में वाम उदारवादी समुदाय से इसी तरह के हिंसक विरोध-प्रदर्शनों का आह्वान कर रहे हैं। इसे देखते हुए अमेरिका में हुई हिंसा की तर्ज पर भारत में हिंसा को उकसाने वाली पोस्टों को लेकर सुरक्षा एजेंसियाँ सतर्क हो गई हैं।
अपने खिलाफ दर्ज मुकदमे पर प्रतिक्रिया देते हुए आकर पटेल ने डेक्कन हेराल्ड को बताया कि मुझे नहीं लगता कि यह मामला दर्ज किया जाना चाहिए था। मुझे नहीं लगता इस केस में कुछ आगे हो सकेगा।