सिविल परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले कोचिंग सेंटर Vision IAS की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अब कोचिंग सेंटर ने इस पर अपना बयान जारी किया है। बयान में Vision IAS ने अपनी फैकल्टी की बात जस्टिफाई करते हुए नेटीजन्स को बताया है कि जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है वो वीडियो अब उनके किसी आधिकारिक प्लेटफॉर्म पर मौजूद नहीं है। अपने बयान में उन्होंने दावा किया है कि उनका मकसद किसी की भावनाएँ आहत करना नहीं था।
बयान में कहा गया, “उस चर्चा में केवल भक्ति आंदोलन के उद्गम के एक संभावित कारण पर बात थी वो भी एक निश्चित काल में। वक्ता ने जो कहा उसमें सनातन धर्म मानने वालों की तीव्र प्रतिक्रिया और इसमें निहित शक्ति के बारे में बात थी जिसने भक्ति पंथ का रूप ले लिया है और जिसका मतलब है ‘ईश्वर में प्रेमपूर्ण विश्वास’ और ‘साथी मनुष्यों के लिए प्रेम’ जिसमें इस्लाम की समतावादी अपील को पूरा करने के लिए जाति से परे धर्मशास्त्र व सामाजिक व्यवस्था की अपील थी।”
Vision IAS statement on recent events surrounding a video clip#VisionIAS pic.twitter.com/0UvZDIDd3c
— Vision IAS (@Vision_IAS) February 27, 2022
कोचिंग सेंटर ने बयान में उस मस्जिद के मिनिएचर की भी चर्चा की, जिसे पीएम मोदी ने सऊदी किंग को दिया था। Vision IAS के मुताबिक महिला टीचर द्वारा ये उदाहरण इसलिए दिया गया ताकि भारतीय सभ्यता और उनकी मजबूती को हाईलाइट किया जा सके। आगे Vision IAS की ओर से स्पष्ट तौर पर हर उस समुदाय से उसके सदस्यों से माफी माँगी गई है जिन्हें उस वीडियो के कारण दुख पहुँचा। अपनी सफाई में कोचिंग सेंटर ने कहा कि वह भारतीय संविधान की नैतिकता और उसमें निहित मूल्यों में विश्वास रखते हैं और अगर किसी की भवनाएँ आहत हुईं तो वो अंजाने में थीं और इसका उन्हें अफसोस है।
Vision IAS ने कहा, “हमारे लोग राष्ट्र की विविधता और संवेदनशीलता को लेकर सचेत हैं और खासकर अपने भावी नेतृत्व को लेकर, जो आज छात्र हैं। तैयारी के दौरान हम उन्हें क्वालिटी और मूल्य आधारित शिक्षा देते हैं।” उन्होंने कहा कि वो अपने हर हितधारणक जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से उनके सफर में जुड़ा है उसका आदर व स्वागत करते हैं। वह आगे भी समाज में ऐसे ही योगदान देना जारी रखेंगे।
क्यों हुआ विवाद?
गौरतलब है कि कल सोशल मीडिया पर Vision IAS की स्मृति शाह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होना शुरू हुआ था। इस वीडियो में वह छात्रों से सवाल कर रही थीं कि आखिर भक्ति आंदोलन की शुरूआत कब हुई और उसका उद्देश्य क्या था। इसी विषय को पढ़ाते-पढ़ाते स्मृति शाह ने बच्चों को बताया था कि भक्ति आंदोलन इस्लाम के आने के वजह से शुरू हुआ क्योंकि इस्लाम बहुत उदार था और उससे हिंदुत्व के अस्तित्व पर खतरा आ गया था। यही वजह थी हिंदू लोगों ने भक्ति आंदोलन चलाया और दिखाया कि उनका धर्म भी इस्लाम जैसा ही है। बस थोड़ा बहुत अंतर है।
Buddhism started in in india in 4th century much before islam born.
— Raja (@Rajastwiacc) February 28, 2022
Jainism started in 6th century.
How can u say only islam is the reason for bhakti movement?
Hinduism is ever evolving, dynamic dharma. Many religions born out of it.
A firuegn cult cannot change it's course. https://t.co/NsrTGJ4F2q
इस वीडियो को देखने के बाद सोशल मीडिया पर कोचिंग सेंटर से खूब सवाल किए गए और एक ही दिन में उनकी ओर से जवाब भी आ गया। हालाँकि अब भी कुछ लोग इस माफी से संतुष्ट नहीं है। कोचिंग सेंटर के लिए कहा जा रहा है कि वो बच्चों को फर्जी इतिहास पढ़ा ही क्यों रहे हैं। जब चौथी सदी में बौद्ध धर्म आया, छठी सदी में जैन, तो फिर भक्ति आंदोलन के पीछे इस्लाम को कारण कैसे बताया जा सकता है।