मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो गुप्ता से जाँच एजेंसी ED कई बार पूछ-ताछ कर चुकी है। मगर वह जाँच में सहयोग नहीं कर रहा था इसी वजह से उसे गिरफ्तार किया गया है।
इस डायरी में अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी चॉपर सौदे में दी गई 423 करोड़ रुपए की घूस सम्बन्धी विवरण है। इनमें अगस्ता वेस्टलैंड इंटरनैशनल लिमिटेड से स्विस बैंकों के अलावा भारत में बिचौलियों के पास धन पहुँचाने की पूरी कहानी है।
सरकार द्वारा भ्रष्टाचार की लड़ाई में सरकार कथित तौर से दो दलालों, राजीव दीक्षित और मिशेल क्रिश्चियन को भारत लेकर आई है। जिसमें से राजीव ईडी की हिरासत में हैं।
राजीव सक्सेना वो शख़्स है, जो स्विट्ज़रलैंड में अलग-अलग बैंक एकाउंट्स को चलाता है। इन बैंक अकाउंट्स में अगस्ता वेस्टलैंड से आई किक बैक्स की रकम डाली गई थी।
ईडी के अनुसार, सक्सेना, उसकी पत्नी और दुबई स्थित उसकी दो फर्मों ने धन शोधन किया है। सक्सेना और तलवार को पटियाला कोर्ट में पेश करने की तैयारी की जा रही है।
जब सक्सेना के वकीलों ने संयुक्त अरब अमीरात की सुरक्षा एजेंसी से बात करने की कोशिश की कि पूरा मामला क्या था तो, वकीलों के शब्दों में, उन्हें कहा गया, “भारत सरकार से पूछो।”
12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की खरीद के लिए इटली की कंपनी अगस्ता-वेस्टलैंड के साथ साल 2010 में करार किया गया था। 3,600 करोड़ रुपये के करार में 360 करोड़ रुपये के कमीशन के भुगतान का आरोप है।
प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “अगस्ता वेस्टलैंड के मामले में आरोपित बिचौलिया मिशेल को रक्षा मामले में कैबिनेट की मीटिंग और रक्षा से जुड़े सरकार की गुप्त फ़ाइलों के बारे में कैसे पता चल जाता था।”