"बड़ा अफसोस होता है जब लोग कहते हैं यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर लगनी चाहिए। आखिर क्यों जिन्ना की तस्वीर लगनी चाहिए और इसका विरोध आज तक क्यों नहीं किया गया है।"
निधि के पोस्ट को लेकर सोशल मीडिया पर कई लोगों ने एनडीटीवी से पूछा कि क्या वह अपने कर्मचारी के विचार से सहमत हैं? फेसबुक पर किए गए उनके पोस्ट को ट्विटर पर स्क्रीनशॉट डालते हुए लोगों ने उनकी कड़ी निंदा की।
AMU शैक्षणिक गतिविधियों के अलावा बाक़ी सभी कारणों से सुर्ख़ियों में रहता है। यहाँ बात-बात में साम्प्रदायिक हिंसा भड़क जाती है। देश-विरोधी नारे और राष्ट्र विरोधी गतिविधियाँ तो जैसे यहाँ एक सामान्य बात हो चुकी है।
"AMU देश विरोधियों का अड्डा बन गया है। आए दिन यहाँ हिन्दू छात्रों के साथ मारपीट होती है। कल भी हिन्दू छात्रों के साथ AMU प्रशासन की मौजूदगी में मारपीट की गई।"
AMU कैंपस में उपद्रवी छात्रों ने रिपब्लिक टीवी के पत्रकारों को धमकाया था, जिसमें एक महिला पत्रकार भी शामिल थी। यही नहीं छात्रों ने महिला पत्रकार के साथ अभद्रता करते हुए उसका कैमरा भी तोड़ दिया था।