Sunday, November 17, 2024

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असहिष्णुता

मधुर भंडारकर ने नसीरुद्दीन के ‘डर’ को नकारा, मीडिया चला रही है फ़र्ज़ी ख़बर

इंडियन एक्सप्रेस से लेकर Quint और ANI ने भी भंडारकर के बयान की गलत समीक्षा की है।

नसीर साहब देश का विवेक जाग चुका है, आग लगाना बंद कीजिए

नसीर साहब आपकी चिंता वाज़िब है मगर अपनी चिंता को मज़हबी रंग न दें। साम्प्रदायिकता से लड़ना ठीक है, धर्म से नहीं।

अमर्त्य सेन आए ‘डरे हुए’ नसीरुद्दीन शाह के बचाव में

अमर्त्य सेन ने नसीरुद्दीन शाह का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें ‘परेशान’ करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

चोखा धंधा है अभिव्यक्ति की आज़ादी का छिन जाना!

डर तो इस बात से भी लगता है कि हिन्दू-मुस्लिम दंगे/झगड़े मे 'समुदाय विशेष' की जगह 'मुस्लिम समुदाय' लिखने पर मुझे साम्प्रदायिक कह दिया जाएगा। लेकिन क्या करें साहब, मन मारकर जी रहे हैं, क्योंकि यहाँ तो हिन्दू नाम होना ही साम्प्रदायिक हो जाने की निशानी है।

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