झारखंड की राजधानी राँची से करीब 60 किलोमीटर दूर तामड़ गाँव में देउड़ी मंदिर है। यहाँ जनजातीय समाज के रीति-रिवाज़ और ब्राह्मण परंपराएँ साथ-साथ निभाई जाती हैं।
कार्यकर्ता ने पूछा, "हम वनवासी हैं, तो हमारे इलाके में ईसाई जनसभा और बड़े कार्यक्रमों की क्या ज़रूरत है? अलग-अलग राज्यों से ईसाई पादरी, प्रचारक और बड़े लोग सिर्फ़ यहीं सभा करने क्यों आते हैं?"
लोकसभा में बोलते हुए सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, विपक्ष हमेशा यही बोलता रहता है संविधान खतरे में है पर सच तो ये है संविधान नहीं, इनकी राजनीति खतरे में है।