एक 3 बार राज्यसभा चला गया, दूसरे के भाग का छींका गुप्ताओं ने हड़प लिया। एक ने अपने नेता को 'धोबी का कुत्ता' बना दिया, दूसरे को उसके नेता ने ही 'धोबी का कुत्ता' बना दिया। एक शाकाहारी अंडे की बात करता है, दूसरा ब्रेड-अंडे की। 'सामना' करिए 'सत्य हिंदी' का।
आशुतोष को जज्बातों में बहता देखरक एंकर ने कहा, “मैं उस सोच की बात कर रहा, जो कत्ल करती है। चाहे वह सोच राजस्थान के शंभू रैगर की हो या दिल्ली में सिखों की हत्या की हो।” इस पर आशुतोष ने कहा, “जिनकी वो सोच है, वो श्यामा प्रसाद मुखर्जी 1942 में चिट्ठी लिखते हैं, भारत छोड़ो आंदोलन को कुचल दिया जाए।”
पत्रकार महोदय शायद भूल गए कि कभी जिस पार्टी के 'वॉलंटियर' आप हुआ करते थे, उसके मुखिया जनता की सिम्पैथी और वोट बटोरने के लिए खुद को बनिया घोषित कर चुके हैं।
फ्रांस की सरकार द्वारा इस ख़बर का खंडन किया जा चुका है। लेकिन आपका काम ही जब प्रोपेगंडा फैलाना बन जाए तो सुबह उठकर अख़बार या न्यूज़ वेबसाइट पढ़ने में दिलचस्पी कोई दिखाए क्यों? और यही काम आशुतोष और उसकी सत्य-हिन्दी टीम ने किया।