अधर्म का साथ देकर लड़े तो द्रोणाचार्य तक मारे गए, फिर कुकर्मी जरासंध का साथ देकर एकलव्य कैसे महान बन जाता? 'अँगूठा दान' को उस समय के बृहद कूटनीतिक परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए।
मुख्यधारा की राजनीति में चन्द्रशेखर की प्रविष्टि 'प्रजा सोशलिस्ट पार्टी' (PSP) के साथ उनके जुड़ाव से हुई। उनके करिश्माई नेतृत्व और समाजवादी आदर्शों के प्रति उनकी निष्ठा ने वरिष्ठ राजनीतिक हस्तियों का ध्यान आकर्षित किया, और वे शीघ्र ही पार्टी की गतिविधियों के केंद्र में आ गए।