पुलिस ने अपनी जाँच में पाया कि अबरार संदिग्ध तौर पर पाकिस्तान आता जाता रहता है और उसके घर में भी संदिग्धों का आना-जाना है। इसके अलावा वह पाक के मज़हबी संगठन का भारत में प्रचार-प्रसार करके पैसे कमाता है।
दरोगा सहित 5 पुलिसकर्मियों को लापरवाही बरतने की वजह से निलंबित कर दिया गया है। इस घटना की जाँच-पड़ताल के लिए 3 टीमों का गठन किया गया। पुलिस ने कई मीट विक्रेताओं और मांसाहार परोसने वाले होटलों में छापा मारकर 13 संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया।
दरअसल, अब दिवाली और राम मंदिर पर आने वाले फ़ैसले को देखते हुए क़ानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए होमगार्डों की ज़रूरत भी बढ़ गई है। इसलिए, होमगार्डों की ड्यूटी बरकरार रखने का निर्णय लिया गया है।
अशफाक के फर्जी सोशल मीडिया अकॉउंट के बारे में पता लगने के बाद जाँच एजेंसियों को उसकी आईडी में मौजूद संजय नाम के अकॉउंट पर शक हुआ। पूछताछ हुई तो पता चला कि अशफाक के अलावा मोइनुद्दीन भी सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी से मौजूद है।
कार चोरी के कई मामलों में पुलिस को बौने जमशेद की सीसीटीवी फुटेज मिली थी, लेकिन कम लंबाई के चलते पुलिस को लगता था कि वो बच्चा है और उसे नज़रअंदाज़ कर दिया जाता था। बौना क़द होने की वजह से किसी और को भी उस पर शक़ नहीं होता था, जिस कारण से वो...
अशफाक और मोइनुद्दीन कमलेश तिवारी की हत्या करके लखनऊ के होटल से बरेली गए। वहाँ उन्होंने मौलाना कैफी अली से संपर्क किया था और तीन घंटे तक वह उसी मौलाना के घर में रुके। बाद में कैफी ने ही दोनों हत्यारों के रुकने की व्यवस्था मदरसे में करवाई।
बच्चों के साथ बातचीत के दौरान, यह पाया गया कि स्कूल में बच्चों ने न तो कभी 'राष्ट्रगान' गाया और न ही आधिकारिक रूप से स्वीकृत प्रार्थना 'वो शक्ति हमें दयानिधि' गाई। बच्चों ने बताया कि उन्होंने हमेशा 'लब पे आती है दुआ' का ही पाठ किया है।
कमलेश तिवारी की हत्या से लेकर अशफ़ाक़ और मोईनुद्दीन की गिरफ़्तारी तक, अब तक क्या-क्या हुआ? इस पूरे घटनाक्रम में कौन-कौन से किरदार हैं और किन-किन जगहों पर किसकी गिरफ़्तारी हुई.......
दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में कॉन्ग्रेस के चुने हुए 45 नेता भाग ले रहे हैं। शिविर से जुड़ी सूचनाएँ या तस्वीर लीक न हो इसके लिए सभी नेताओं से मोबाइल फोन पहले ही ले लिए गए हैं।
गुजरात एटीएस के उप महानिदेशक हिमांशु शुक्ल ने मीडिया को बताया कि पैसे खत्म हो गए तो रिश्तेदारों को फ़ोन कर पैसे के लिए सम्पर्क किया, लेकिन पुलिस के डर से किसी ने उनके खाते में पैसे नहीं डाले।