पुलिस ने आरोपितों को संरक्षण देने के आरोप में तीन मदरसा संचालकों- मौलाना हफीउल्ला, कारी वासिफ व मौलवी असरफ हुसैन को भी गिरफ्तार कर लिया है। सभी आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने मेडिकल परीक्षण के लिए भेज दिया है।
पीड़िता की बहन ने सरकार से माँग की है कि दुर्घटना जाँच सीबीआई से हो। इस बीच रायबरेली जेल में बंद पीड़िता के चाचा ने लिखित तहरीर देते हुए इस मामले को भी मुख्य मामले के साथ जोड़कर सीबीआई को जाँच सौंप देने की अपील की है।
मस्जिद गई आठ साल की छात्रा के साथ वहीं के इमाम ने बुरी नीयत से दबोच लिया और फिर अश्लील हरकतें करने लगा। इसके बाद इमाम ने बच्ची को डरा धमकाकर घर भेज दिया। बच्ची घर में डरी-सहमी गुमसुम रहने लगी और वह रोती रही। परिजनों द्वारा बार-बार पूछने पर...
आरोपित सौरभ शुक्ला लगातार फोन और इंटरनेट के जरिए पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठन के आकाओं के संपर्क में रहता था। साथ ही इनसे अलग-अलग बैंक खाताओं में पैसे मंगवाकर आतंकियों तक सप्लाई करता था।
मुख्तार की पत्नी ने पूछताछ के दौरान स्वीकारा कि उसने अपनी बेटियों को बचाने के लिए पहले मुख्तार को शराब पिलाई, फिर खाने में नशे की गोलियाँ दी और फिर बेहोश होने पर उसने प्लॉस्टिक की रस्सी से उसका (मुख्तार) गला घोंटकर मार दिया।
"लोगों ने मुझसे कहा आप उनको इतने बड़े राज्य की कमान क्यों सौंप रहे हैं? लेकिन पीएम मोदी और मैंने उन्हें सीएम बनाने का फैसला किया क्योंकि वह कर्मठ हैं और उन्होंने अपने कम अनुभव को कठोर परिश्रम से कभी बाधा नहीं बनने दिया।"
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने सड़क पर हनुमान चालीसा पढ़ने को लेकर दोहरा रवैया अपनाते हुए कहा कि भगवा चोला पहनकर अराजकता फैलाना और मुसलमानों पर धौंस जमाना कुछ लोगों की आदत बन गई है।
पानीपत के चार बेटे अपने माता-पिता को काँवड़ में बिठाकर उत्तराखंड के हरिद्वार से शामली पहुँचे हैं। सोशल मीडिया पर चारों भाईयों और उनके माता-पिता की फ़ोटो वायरल तो हो ही रही है, साथ ही ख़ूब तारीफ़ भी हो रही है।
“मैं अपने पुलिस विभाग के सहकर्मियों से भी कहना चाहता हूँ कि सिर्फ सुरक्षा प्रदान करना हमारी जिम्मेदारी नहीं है, लोगों की सेवा करना भी हमारी जिम्मेदारी है। मेरा उद्देश्य सेवा करना है। दूरदराज से पैदल चलकर लोग हरिद्वार जल लेने जा रहे हैं। मैंने इसी सच्चे मन से काँवड़िए के पैर दबा उनकी थकान उतारने की कोशिश की है।”
कुछ मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि यह वीडियो लोकसभा चुनाव से पहले का है। लेकिन, गाँव के हालिया तनाव को देखते हुए यह वीडियो आग में घी का काम कर सकता था। गाँव में भारी पुलिस बल तैनात।