2019 में बिहार के मुख्यमंत्री को जदयू का अध्यक्ष चुना गया था और उनका कार्यकाल 3 साल का था। उन्होंने इस्तीफ़ा देते हुए इस पद को आरसीपी सिंह के हवाले कर दिया जो कि राज्यसभा में जदयू का प्रतिनिधित्व करते हैं।
ऐसा लगता है कि ‘प्रदर्शनकारी किसानों’ ने मुख्यमंत्री की अपील पर कोई ध्यान नहीं दिया और अब ऐसा लगता है कि कॉन्ग्रेस नेता भी इस तरह की अराजकता की वाह-वाही कर रहे हैं। वहीं आज भी CM ने टॉवर में तोड़-फोड़ करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
“ये भाजपा आईटी सेल ने यह हरकत कॉन्ग्रेस की मीटिंग रोकने के लिए की है। भाजपा के पूरे आईटी सेल को इस प्रोपेगेंडा प्रचार की ज़िम्मेदारी मिली है कि मुझे कॉन्ग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया जाए।”
मौका चाहे नए साल का हो, संसद सत्र का हो, चुनाव का हो या फिर राहुल गाँधी के जन्मदिन का... वो हर बड़े मौके पर विदेश की यात्रा पर होते हैं। वैसे अब मौका कॉन्ग्रेस स्थापना दिवस का है, लेकिन राहुल गाँधी...