राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के मुताबिक उन्हें शिकायत मिली हैं कि इन राज्यों में चल रहे तथाकथित किसान आंदोलन की वजह से उद्योग धंधों और परिवहन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
राकेश टिकैत ने ट्वीट किया, “भीड़तंत्र ही लोकतंत्र में सबसे बड़ा हथियार है। कोरोना से ज्यादा खतरनाक है सरकार के कानून, कोरोना एक बार मारेगा ये तिल- तिल मारेंगे।”
राहुल गाँधी समेत अन्य विपक्षी दलों के इन सदस्यों की उपस्थिति में प्रदर्शनकारियों के द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ किसान संसद में 'अविश्वास प्रस्ताव' लाया गया जो पास भी हो गया।
शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ताओं के साथ हरसिमरत कौर बादल संसद भवन के बाहर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थीं, उसी दौरान उनकी कॉन्ग्रेस सांसद के साथ बहस हुई।
राजस्थान के श्रीगंगानगर में केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए कृषि सुधार कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे 'तथाकथित' किसानों के द्वारा भाजपा नेता और राजस्थान के अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष कैलाश मेघवाल के साथ मारपीट करने और उनके कपड़े फाड़ने का मामला सामने आया है।
राकेश टिकैत ने धमकी भरे अंदाज में कहा कि सरकार कृषि कानूनों को रद्द करे अन्यथा इस बार संघर्ष और भी बड़ा होगा। साथ ही कहा कि किसानों के ट्रैक्टर लाल किले के साथ संसद का रास्ता भी जानते हैं।