Tuesday, April 22, 2025
Homeदेश-समाज'भीड़तंत्र ही लोकतंत्र में सबसे बड़ा हथियार': 'अल्लाह-हू-अकबर' नारे वाली महापंचायत को राकेश टिकैत...

‘भीड़तंत्र ही लोकतंत्र में सबसे बड़ा हथियार’: ‘अल्लाह-हू-अकबर’ नारे वाली महापंचायत को राकेश टिकैत ने बताया सफल

“कानून में काला क्या है टिकैत जी ये तो बताइए? हिंदुस्तान में ज्यादा खतरनाक झूठ बोलने वाले और अपने स्वार्थ साधने के लिए जनता को मूर्ख बनाकर मासूम जनता को ठगने वाले लोग हैं।”

भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मुजफ्फरनगर में हुई किसानों की महापंचायत को सफल बताया है। राकेश टिकैत ने दावा किया है कि मुजफ्फरनगर में हुई महापंचायत बेहद सफल रही। उन्होंने कहा कि सड़कों पर 21 किमी तक लोगों का हुजूम था। किसान महापंचायत में 20 लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए। सड़कें ब्लॉक होने के कारण स्थानीय लोग इसमें शामिल नहीं हो सके। 

‘कृषि कानूनों की वापसी तक जारी रहेगा आंदोलन’

इसके साथ ही टिकैत ने कहा कि जब तक तीन कृषि कानूनों की वापसी नहीं होगी तब तक हम ना ही धरना स्थल छोड़ेंगे और ना ही आंदोलन छोड़ेंगे। वहीं राकेश टिकैत ने ट्वीट करते हुए कहा, “भीड़तंत्र ही लोकतंत्र में सबसे बड़ा हथियार है। कोरोना से ज्यादा खतरनाक है सरकार के कानून, कोरोना एक बार मारेगा ये तिल- तिल मारेंगे।” राकेश के इस ट्वीट पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएँ दे रहे हैं।

एक यूजर ने ट्वीट करते हुए लिखा, “ग्राउंड रिपोर्ट ये बता रहा है कि रैली में लगभग 130-140 करोड़ लोग जुटे थे।”

वेंकटेश भारद्वाज ने लिखा, “कानून में काला क्या है टिकैत जी ये तो बताइए? हिंदुस्तान में ज्यादा खतरनाक झूठ बोलने वाले और अपने स्वार्थ साधने के लिए जनता को मूर्ख बनाकर मासूम जनता को ठगने वाले लोग हैं।”

पुष्पेंद्र शर्मा ने लिखा, “2007 में मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट से निर्दलीय और 2014 में अमरोहा से आरएलडी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ और हार कर जमानत जब्त करवाने वाले एक जातिवादी नेता ने आज मुजफ्फरनगर की राजनैतिक रैली में ‘अल्लाहु अकबर’ का नारा लगा कर अपना चुनाव प्रचार शुरू किया।”

कैलाश बेनीवाल ने लिखा, “9 महीनों में किसान आंदोलन 3 कृषि कानून रद्द करो से लेकर आज अल्लाहु अकबर तक आ पहुँचा। डूबा वंश कबीर का उपजा पूत कमाल! टिकैत खान।”

गौरतलब है कि किसान नेता राकेश टिकैत ने रविवार (5 सितंबर, 2021) को किसान मोर्चा की महापंचायत में भीड़ से अल्लाहु-अकबर और हर-हर महादेव के नारे भी लगवाए। उन्होंने कहा, ”यूपी की जमीन को दंगा करवाने वालों को नहीं देंगे।”

राकेश टिकैत ने कहा था कि जब भारत सरकार उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित करेगी, वो जाएँगे। जब तक सरकार उनकी माँगे पूरी नहीं करती तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि आजादी के लिए संघर्ष 90 साल तक चला, इसलिए उन्हें नहीं पता कि यह आंदोलन कब तक चलेगा।

पिछले दिनों स्व-घोषित किसान नेता और ‘आंदोलनजीवी’ राकेश टिकैत की एबीपी न्यूज पर एक डिबेट के दौरान उस समय बोलती बंद हो गई जब एंकर रुबिका लियाकत ने उनसे नए कृषि कानूनों को लेकर सवाल किए। टिकैत इस दौरान न केवल हकलाते हुए बल्कि मुद्दे को घुमाते हुए भी नजर आए। 

8 महीने से कथित ‘किसानों’ के साथ प्रदर्शन पर बैठे राकेश टिकैत का मुँह उस समय बिलकुल बंद हो गया जब पूछा गया कि आखिर कृषि कानूनों से समस्या क्या है। एंकर ने उन्हें वो विशेष सेक्शन हाईलाइट करने को कहे जिसके आधार पर प्रदर्शन चल रहा है। कृषि कानूनों की प्रतियाँ लेकर सवाल करने बैठीं रुबिका ने टिकैत से पूछा कि अगर उन्होंने ये कृषि कानूनों को पढ़ा है तो बताएँ कि परेशानी क्या है। इसी सवाल के बाद टिकैत बातों को गोल-मोल करने लगे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पति को मार डाला, ‘मोदी को बता देना’ कहकर पत्नी को ज़िंदा छोड़ा: घोड़े से आए थे पैंट खोल खतना चेक कर-कर के मारने...

पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 27 लोगों के घायल होने की सूचना है। आतंकियों ने एक रिसॉर्ट को निशाना बनाया , जिसमें पर्यटक शांति से बैठे थे। अचानक 50 राउंड फायरिंग की। फिर भाग गए।

सऊदी में मोदी, जयपुर में वेंस, अमरनाथ यात्रा… अब लोगों को डराएँगे ‘कश्मीरियत’ और ‘जम्हूरियत’ जैसे शब्द, मुर्शिदाबाद से पहलगाम तक वही खतने वाली...

ट्रम्प भारत में थे तो दंगे हुए, वेंस भारत में हैं तो आतंकी हमला। दोनों के पीछे एक ही सोच काम करती है - खतना चेक करने वाली। मुर्शिदाबाद में भी यही सोच काम करती है। इन्हें अलग करके मत देखिए।
- विज्ञापन -