चुनाव हारने के बाद नेता द्वारा पैसे वापस माँगने पर कुछ मतदाताओं ने यह कर कर वापस कर दिया कि वो ऐसा ‘मानवीय आधार’ पर कर रहे हैं, जबकि अधिकांश लोगों ने यह कर मना कर दिया कि उन्होंने पैसे नहीं माँगे थे बल्कि एक उम्मीदवार के तौर पर स्वेच्छा से ये रकम और गिफ्ट उन्हें दी गई थी।
टीआरएस उम्मीदवार इमरान ने कॉन्ग्रेस समर्थकों द्वारा दोहरे वोटों की कथित कास्टिंग पर आपत्ति जताई थी। जिसके बाद इमरान और कॉन्ग्रेस के उम्मीदवार इलियास के बीच गर्म बहस छिड़ गई। गुस्से में इलियास ने इमरान पर हमला किया और उसकी नाक काट दी।
ताइवान और हॉन्ग कॉन्ग पर कब्जा करके चीन एक ग्रेटर चीन का सपना देख रहा था। मगर दोनों जगहों की जनता ने लोकतंत्र समर्थक उम्मीदवारों को जीत दिलाकर चीन के अरमानों पर पानी फेर दिया। यहाँ के मतदाताओं ने हॉन्ग कॉन्ग की तरह ही चीन के ‘एक देश दो सिस्टम’ की राजनीतिक व्यवस्था को खारिज कर दिया है।
हैरानी की बात देखिए, दिल्ली की सबसे हालिया समस्या प्रदूषण पर कोई राजनैतिक पार्टी बात नहीं करती। क्योंकि अब राष्ट्रीय राजधानी की सत्ता हथियाने का पैमाना केवल 'फ्री-फ्री' की राजनीति पर आ टिका है।
हेमंत सोरेन ने नामांकन के दौरान दिए गए शपथ पत्र में अपनी कुल संपत्ति 8 करोड़ 11 लाख 14 हजार 388 रुपए बताई है। हेमंत ने 2014 के विधानसभा चुनाव में अपनी कुल संपत्ति 3 करोड़ 50 लाख 76 हजार 527 रुपए बताई थी। जबकि 2009 में इनकी कुल संपत्ति मात्र...
श्रीलंका में मुस्लिम संगठनों के आरोपों के बीच बौद्ध राष्ट्र्वादी गोटाभाया की जीत अहम है। इससे पता चलता है कि द्वीपीय देश अभी ईस्टर बम ब्लास्ट को भूला नहीं है और राइट विंग की तरफ़ उनका झुकाव पहले से काफ़ी ज्यादा बढ़ा है।
धनबाद जिले में विधानसभा की 6 सीटें हैं। इन सीटों के लिए अब तक कुल 40 लोग दावेदारी पेश कर चुके हैं। इसके लिए ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह ने सभी से पाँच-पाँच हजार रुपए लिए। कुल मिलाकर उन्होंने 2 लाख रुपए की वसूली की।
झाविमो सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। कॉन्ग्रेस महागठबंधन में झाविमो को बनाए रखने के पक्ष में है। राजद 14 सीटों की मॉंग कर रहा है, जबकि झामुमो उसे चार-पॉंच से ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं है।
शिव सेना ने भी भाजपा की तर्ज पर अपने विधायक दल के नेता का चुनाव कर लिया है। एक बड़ा उलटफेर करते हुए इस पद पर एकनाथ शिंदे का चुनाव हुआ है, जबकि अधिकांश कयास यह पद आदित्य ठाकरे को मिलने के लग रहे थे।
संजय राउत ने कल दिए बयानों से गुलाटी मारते हुए आज फिर से दावा किया है कि उनकी पार्टी के रुख में न ही कोई नरमी आई है, न ही उनकी पार्टी कभी अपने वादे से पीछे हटी थी।