दिल्ली पुलिस यह पता करने में जुटी है कि उन जमातियों ने इमरान से कैसे संपर्क साधा या फिर इमरान उन्हें कैसे जानता था। पुलिस को आशंका है कि इमरान ने पहले भी जमातियों को बॉर्डर पार कराया होगा।
15 दिसंबर को जामिया नगर और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में हुई हिंसा के मामले में क्राइम ब्रांच ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट के सामने पेश किया। अदालत ने उसे दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया।
एक अधिकारी ने कहा है कि दिल्ली की मस्जिदों में अभी और भी विदेशी जमातियों के छिपे होने की आशंका है। वहीं मस्जिदों से निकाले गए 800 से ज्यादा विदेशियों को राजधानी के अलग-अलग अस्पतालों में क्वारंटाइन किया गया है।
मुकदमा दर्ज होने के बाद से मौलाना साद फरार है। ऑडियो मैसेज सामने आने के बाद से उसके भी कोरोना संक्रमित होने की आशंका जताई जा रही है। ऑडियो में उसने कहा था कि डॉक्टर के कहने पर वह घर पर ही क्वारंटाइन है।
"तबलीगी जमात के ज्यादातर सदस्य जाँच में सहयोग नहीं कर रहे। इसके कारण हमारे स्टाफ की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। जिन तीन ब्लॉक में इन्हें रखा गया है वहॉं पुलिस की तैनाती करनी पड़ी है।"
पुलिस ने मौलाना साद, डॉ जीशान, मुफ्ती शहजाद, मोहम्मद सैफी युनूस और मो सलमान के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की। पुलिस ने बताया कि संख्या ज्यादा होने के कारण जगह को खाली कराने में 5 दिन लगे। वहीं ये भी मालूम हुआ कि 28 मार्च को पुलिस द्वारा नोटिस मिलने के बाद से इस कार्यक्रम को आयोजित करने वालों में से एक मोहम्मद साद फरार है। पुलिस इनकी तलाश में जुटी है।
इन सभी लोगों पर नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। दिल्ली पुलिस ने यह कार्रवाई उपराज्यपाल के आदेश पर की है। इससे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल को पत्र लिख आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की थी।
लॉकडाउन के 48 घंटे बाद ही देश की राजधानी दिल्ली के अलग-अलग स्लम इलाकों से ऐसी तस्वीरें आईं, जिनमें मजदूरों और उनके परिवार के लोग भूख से बिलखते दिखाई पड़े। लेकिन दिल्ली पुलिस ने मानवता की ऐसी मिसाल पेश की कि वो लोग कह उठे - 'पुलिस वाले भैया' को धन्यवाद!
महिला प्रदर्शनकारी बार-बार खुद को पुलिस की पकड़ से छुड़ाने की कोशिश कर रही है। लेकिन जब पत्रकार उससे बढ़ते संक्रमण पर सवाल करता है तो कहती है कि इन्हें हमारी हाय लगेगी।