"सरकार को संविधान के अनुसार इसके प्रारूप में परिवर्तन करने होंगे। संविधान में स्पष्ट है कि धर्म के आधार पर नागरिकता नहीं दी जा सकती। जब उद्धव पूरे कानून को ध्यान से पढ़ेंगे तब उन्हें समझ आएगा कि NPR और NRC में बहुत फर्क नहीं है। एक बार आप NPR पर सहमत हुए तो NRC को नहीं रोक पाएँगे।"
“ऐतिहासिक भारत बंद की शुरुआत जाफराबद सीलमपुर दिल्ली से कर दी गई है, दिल्ली के साथी जाफराबाद पहुँचें। आज संवैधानिक दायरे में रहते हुए पूरा भारत बंद किया जाएगा। बीजेपी सरकार को बहुजनों की ताकत का अहसास करवाया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि एनआरसी में कई डरावने प्रावधान हैं। जब उनसे पूछा गया कि एनआरसी के ड्राफ्ट कहाँ हैं तो स्वरा भास्कर ने कहा कि ये सब देखना मेरा काम नहीं है। मतलब बिना ड्राफ्ट आए ही स्वरा को पता चल गया कि एनआरसी में डरावने प्रावधान हैं।
बाजार संघ के एक वरिष्ठ सदस्य ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त मध्यस्थों से मिल कर, उन्हें व्यापरियों को हो रहे वित्तीय नुकसान और इसके कारण दुकानदारों और उसके स्टॉफ को होने वाली परेशनियों से अवगत कराने की इच्छा जताई।
मनसे कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस अधिकारी भी रहते हैं, जो लोगों द्वारा दिखाए गए कागज़ातों की सत्यता की जाँच करते हैं। मनसे नेताओं ने भी पार्टी के इस अभियान की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि पार्टी लगातार ऐसे लोगों पर नज़र रखे हुए है, जो बांग्लादेशी घुसपैठियों वाले इलाक़ों में रखते हैं।
व्यास ने पठान को शहर आने की चुनौती दी है। उन्होंने कहा- "हम आपके लिए सही व्यवस्था करेंगे कि क्या आप यह समझते हैं कि हमने चूड़ियाँ पहन रखी हैं? हम आप से निपटने के लिए तैयार हैं, लेकिन हम यह चाहते हैं कि समाज में आपसी भाईचारा बना रहे।"
कॉलेज में 'आज़ादी' से जुड़े कई पोस्टर चस्पा मिल जाएँगे। जम्मू कश्मीर की 'आज़ादी' को लेकर भी कई पोस्टर लगाए गए हैं। कॉलेज के कार्यक्रमों का इस्तेमाल सीएए को लेकर भ्रम फैलाने के लिए किया जा रहा है। जम्मू कश्मीर पर 'कब्जा' और तालाबंदी होने की बात कही गई है।
"जामिया के छात्रों के खिलाफ सभी मुकदमे वापस लिए जाएँ। NPR को दिल्ली में लागू नहीं किया जाए। शाहीन बाग विरोध को लेकर दर्ज किए गए युवाओं के खिलाफ सभी मामलों को रद्द करें।"
18 फरवरी को इस संबंध में छात्रों को एक नोटिस जारी कर दिया गया है, जिसके तहत विश्वविद्यालय ने छात्र फसीह अहमद, सहाना प्रदीप और एएस एडिस्फो पर 5-5 हज़ार रुपए का यह जुर्माना लगाया है। इन तीनों छात्रों को 10 दिनों के अंदर यह जुर्माना भरना होगा।
हक-ए-हिंदुस्तान मोर्चा नाम के सामाजिक संगठन के संयोजक तमन्ना हाशमी ने पठान के बयान की कड़ी निंदा की। अल्पसंख्यक सामाजिक संगठन ने वारिस पठान का सिर कलम करने वाले को 11 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा भी की है।