स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि अरविन्द केजरीवाल अपने घर में बैठ कर हिन्दू-मुस्लिम की राजनीति कर रहे हैं। यातायात ठप्प है, शिक्षा व्यवस्था ठप्प है। शाहीन बाग़ के लोगों ने CAA विरोधी प्रदर्शन के ख़िलाफ़ सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया। उन्होंने पूछा कि क्या हिन्दुओं की भावनाओं का कोई महत्व नहीं?
CAA के विरोध-प्रदर्शन के दौरान इस तरह के पोस्टर्स को देखकर हँसी आती है। ऐसे प्रदर्शनकारियों के बारे में यही कहा जा सकता है कि उन्हें CAA के बारे में पहले पढ़ लेना चाहिए, ताकि उन्हें सच्चाई का पता चल सके। अगर उन्होंने CAA से जुड़ी जानकारी को पढ़ा होता तो वे इस तरह के बचकाने सवाल ही न पूछते।
"सीएए और एनआरसी को अलग-अलग देखने की जरूरत है। पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के दुखी लोगों को यदि भारत में सुविधाएँ मिलती हैं तो इसमें बुराई क्या है।"
जब एक पत्रकार ने अरुंधति से पूछा कि क्या विरोध-प्रदर्शन के कुछ परिणाम निकलेंगे तो उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया। उम्मीद जताई कि 'सभी लोग आज़ाद हो जाएँगे।' कहा कि विरोध कर रहे लोग कभी भी पीछे नहीं हटेंगे।
मुल्तान डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन ने फ़ैसला लिया है कि जो भी वकील बार काउंसिल का चुनाव लड़ेगा, उसे एक एफिडेविट देना होगा। इस एफिडेविट के माध्यम से उम्मीदवारों को इस्लाम के प्रति अपनी आस्था की शपथ लेनी होगी।
“आज CAA लागू हो गया । मोदी को बोलो पहले अपने कागज, अपनी डिग्री इन “entire political science” दिखाए, और अपने बाप का और ख़ानदान का birth सर्टिफ़िकेट दिखाए सारे हिंदुस्तान को। फिर हमसे माँगे। #f**k CAA”
IIM अहमदाबाद के 90 से अधिक छात्रों ने CAA के समर्थन में एक याचिका दायर की है। इन पूर्व छात्रों का कहना है कि CAA के साथ NRC लागू किए जाने से देश में किसी भी समुदाय को कोई खतरा नहीं है और इसके विरोध में झूठ और अफवाहें सिर्फ हिंसा फैलाने के लिए गढ़े जा रहे हैं।
इस दौरान कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं और मीडिया को दूर रखा गया, जिसका कॉन्ग्रेसी कार्यकर्ताओं ने विरोध किया। कार्यकर्ताओं ने अपनी ही पार्टी के नेताओं पर आरोप लगाया कि वे उन्हें प्रियंका से मिलने नहीं दे रहे। नाराज कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए और...
यह मैथिली की खूबसूरती है कि 'हम देखेंगे' की 'बुतपरस्ती' सगुण-निर्गुण ब्रह्म में बदल जाती है। लेकिन, फैज कट्टर पाकिस्तानी थे। यह बात सालों पहले हरिशंकर परसाई दुनिया को बता चुके हैं।
CAA के विरोध की आड़ में इस्लामिक कट्टरपंथियों और वामपंथियों ने हिंदू विरोधी नारे लगाए। 'फक हिंदुत्व' लिखकर 'ऊँ' चिह्न का भरी दुनिया के सामने अपमान किया। अब इसी इस्लामिक भीड़ ने शाहीन बाग के प्रोटेस्ट में जिन्ना वाली आजादी के नारे लगाए और वहाँ किसी ने इस पर आपत्ति नहीं जताई।