मेरे खुद के मुस्लिम और 'सेक्युलर' थियेटर वाले दोस्त सोशल मीडिया पर वे आर्टिकल भेज रहे हैं, जिनमें मुझे झूठा बताया गया है। वे मुझसे पूछ रहे हैं कि मैंने झूठ क्यों बोला। और यह सब इसलिए हुआ क्योंकि क्विंट ने मेरी बात को तोड़-मरोड़ कर पेश किया।
दिल्ली प्रेस की पहुँच लाखों पाठकों तक है। इंग्लिश में कारवां, हिंदी भाषी के लिए सरिता और बच्चों के लिए चंपक। मतलब इनका फैलाया प्रोपेगेंडा और भी घातक है। इनसे बचना है क्योंकि इस बार इन्होंने बच्चों को भी नहीं बख्शा। आर्टिकल-370 के नाम पर चंपक में जो जहर इन्होंने बोया है, वो...
BBC में काम करने वाली समीरा अहमद अपने संस्थान पर महिलाओं को पुरुषों से कम पेमेंट देने का आरोप लगा कर कोर्ट तक घसीट लाई हैं। जेरेमी (पुरुष) को जिस 15 मिनट के शो के लिए 2.72 लाख रुपए/शो मिलते थे, वहीं समीरा को मात्र 40,000 रुपए।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब NDTV के एंकर्स ने झूठ फैलाने में दिलचस्पी दिखाई हो। इससे पहले 2018 में NDTV ने अपने सोशल चैनल्स पर ‘असम बीजेपी सांसद के भतीजे, नागरिक सूची में नहीं हैं, ऐसा भी होता है’ हेडिंग के साथ एक न्यूज़ अपलोड और शेयर की थी।
NDTV की एंकर सोनल मेहरोत्रा कपूर ने असम में सरकारी नौकरियों के लिए दो-बच्चे से संबंधित खबर को पढ़ते हुए दावा किया कि दो से अधिक बच्चे वाले लोग असम में सरकारी नौकरी पाने के पात्र नहीं होंगे, जबकि असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के ख़ुद 6 बच्चे हैं।
रमा लक्ष्मी के लिए हिन्दुओं के धर्म पर हुए हमले का सबूत लाना इतना बड़ा 'पाप' है कि ऐसे 'पापी' अरुण शौरी के लिबरलों के चहेते बनने से उन्हें दुःख हो रहा है।
वीडियो में 5:30 से 5:40 तक आप सुन सकते हैं, जहाँ सीधा-सीधा हमला धर्म पर ही था- किसी विचारधारा, किसी राजनीतिक दर्शन या व्यक्ति पर नहीं, सीधे धर्म पर। और राजदीप सरदेसाई को उस पर मौन सहमति देते देखा जा सकता है। न कोई सवाल, न टोकना, न कोई स्पष्टीकरण। उनकी मूक सहमति ऐसे थी जैसे...
BBC के प्रजेंटर व होस्ट और ब्रिटेन में सिख समुदाय की आवाज माने जाने वाले लॉर्ड इंद्रजीत सिंह ने सिख गुरु तेग बहादुर पर एक कार्यक्रम किया था। BBC ने उनके इस कार्यक्रम को सेंसर कर दिया। क्यों किया?
सिब्बल ने दावा किया था कि यह सब ट्वीट करने के पहले ही बरखा दत्त को चैनल से बर्खास्त किया जा चुका है। इसके पीछे उन्होंने कारण अनुशासनहीनता बताया था। इसके अलावा उन्होंने दत्त को एक भी पैसा देने से साफ़ इनकार कर दिया था।
Editors Guild पर तंज़ कसते हुए रिपब्लिक टीवी की दक्षिण भारत ब्यूरो प्रमुख पूजा प्रसन्ना ने कहा कि आंध्र और तेलंगाना के मुख्यमंत्रियों का नाम न पता होना अक्षम्य है।