विषय
पत्रकारिता का समुदाय विशेष
‘हत्यारे’ कंडक्टर की #मीडिया_लिंचिंग: जिसे फाँसी से बचाया उस माँ-बाप ने, जिनका 7 साल का बच्चा मारा गया था
जघन्य अपराधों के मामले में खबरों की सनसनी के लिए मीडिया लिंचिंग और राजनेताओं का क्या है? आज गिद्ध की तरह हाथरस में मंडरा रहे हैं तो कल...
हुई गवा? करवा ली बेइज्जती? ‘दी प्रिंट’ ने पहले थूका, फिर पकड़े जाने पर चाटा
'द प्रिंट' ने 'लव जिहाद' के बारे में 'एक अभियान चलाने' के लिए भी स्वाति गोयल को निशाना बनाया और कहा कि उन्होंने 'लव' में 'जिहाद' देखा।
अजेंडा-परस्त ‘ब्लस्टर ब्लफ कॉर्पोरेशन’ उर्फ़ BBC को मिला ‘बिफिटिंग रिप्लाई’
1942 में आज़ाद हिन्द रेडियो के एक प्रसारण से नेताजी द्वारा 'ब्लस्टर ब्लफ कॉर्पोरेशन' का तमगा BBC को मिला, अर्थात धमकियाँ देकर ठगी करने वालों का समूह। तब परिस्थितियाँ कुछ और थी अब कुछ और हैं।
जब इंडिया टुडे प्राइवेट चैट निकाले तो चमत्कार, दूसरे चैनल निकालें तो हाहाकार… ऐसे कैसे राहुल कँवल?
राहुल कँवल ने हैरानी जाहिर करते हुए लिखा है कि दीपिका पादुकोण की व्हाट्सएप चैट लीक होना लोगों की गोपनीयता और निजता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
रेपिस्ट अब्दुल या असलम को तांत्रिक या बाबा बताने वाले मीडिया गिरोहों के लिए जस्टिस चंद्रचूड़ का जरूरी सन्देश
सुदर्शन न्यूज़ के कार्यक्रम पर जस्टिस चंद्रचूड़ मीडिया को सख्त संदेश दिया है कि किसी एक समुदाय को निशाना नहीं बनाया जा सकता है। लेकिन समुदाय का नाम नहीं लिया गया।
‘क्या यही है रामराज्य’, ‘संघियों ने मारा’ चिल्लाने वाले, ‘कमालुद्दीन के बेटे’ के हत्यारा होने पर बिलबिलाए
इस बात से तो कोई इनकार नहीं कर रहा कि इस केस में बाकी आरोपित का हाथ नहीं था। लेकिन लोग केवल शाहनूर का नाम उजागर कर रहे हैं क्योंकि...
आरफा उकसाती रही कि कुछ हिन्दू-मुस्लिम हो जाए, मनोज वाजपेयी ने कहा, दिक्कत है तो चुनाव लड़ो
आरफा मनोज वाजपेयी का इंटरव्यू लेने गईं। इंटरव्यू में सिनेमा के अलावा सब कुछ है। और खत्म होते-होते तो यह मानो एक कॉमेडी फिल्म बन गई।
सैकड़ों करोड़ रुपए सरकार (जनता) से… और चलाते हैं चीनी प्रोपेगेंडा: PTI से प्रसार भारती तोड़ सकती है रिश्ते
प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया इन दिनों नई मुश्किल में। ऐसा इसलिए क्योंकि PTI ने चीनी राजदूत को अपना प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए मंच प्रदान किया और...
न्यूजलॉन्ड्री का पाक प्रेम: पाकिस्तानी पत्रकार को किया हमदर्दी भरा व्हाट्सएप्प… जो हमारे हाथ लग गया
न्यूजलॉन्ड्री का पाकिस्तान के पत्रकार से ऐसे सवाल पूछना कि क्या ‘घृणा फैलाने के लिए’ वो पैसे लेकर ऐसी करती हैं, विचित्र सोच का परिचायक है।
पत्रकारिता की उबड़-खाबड़ पगडंडी पर महिलाओं का संघर्ष कैसा: बिहार के एक छोटे से शहर की लड़की की आपबीती
भले आज पत्रकारिता में महिलाओं का प्रतिशत बढ़ गया हो, लेकिन चुनौतियॉं कायम हैं। कई तरह की धारणाओं से उनकी लड़ाई बदस्तूर जारी है।