2016 में मोदी सरकार ने इस पहल की आधिकारिक तौर पर घोषणा की थी। इसके बाद से प्लास्टिक कचरे से 11 राज्यों में करीब 1 लाख किमी लंबी सड़कों का निर्माण हो चुका है।
प्रियदर्शिनी पार्क को पक्षियों की 70 प्रजातियों के अलावा तितलियों की 40 प्रजातियों ने अपना बसेरा बनाया हुआ है। इसके अतिरिक्त यहाँ कई रेप्टाइल्स और छोटे जानवर भी रहते हैं। 3 एकड़ में बनने वाले मेमोरियल के निर्माण में कुल 61 करोड़ रुपए ख़र्च आएँगे।
दफ्तर में नियम का उल्लंघन होता देख खुद पर 5000 रुपए का जुर्माना लगाने वाले आस्तिक कुमार पांडे पिछले साल विभाग की दीवारों और कोनों में फैली गंदगी को खुद साफ करने के कारण भी चर्चा में आए थे। इस दौरान पान और गुटखे की पीक से रंगी दीवारों को साफ़ करती हुई उनकी तस्वीरें...
भारत सरकार इसे 2030 तक राष्ट्रीय प्राथमिकता में रखकर हकीकत का रूप देने पर विचार कर रही है। जिसके लिए 26 मिलियन हेक्टेयर भूमि को प्रदूषण मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित करने पर विचार किया जा रहा है।
मुंबई मेट्रो ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करता है। उसने साफ़ किया कि आरे मिल कॉलोनी क्षेत्र में अब एक भी पेड़ नहीं काटा जाएगा। हालाँकि, काटे गए पेड़ों, लड़कियों व अन्य चीजों को वहाँ से साफ़ करने और हटाने का काम अनवरत चालू रहेगा।
मुंबई के आरे कॉलोनी में मेट्रो शेड के निर्माण के लिए पेड़ काटे जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। इसके चंद मिनटों के भीतर ही सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस अशोक भूषण की विशेष पीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है।
मुंबई मेट्रो की प्रमुख अश्विनी भिड़े ने कहा है कि यह क़दम अनिवार्य था, इसे टाला नहीं जा सकता था। उन्होंने कहा कि कभी-कभी नए जीवन के फलने-फूलने के लिए और नए निर्माण के लिए तबाही अनिवार्य हो जाती है।
1969 में फ़िल्म सिटी को वन विभाग की 51 एकड़ अतिरिक्त ज़मीन ग़लती से ट्रांसफर हो गई थी। उसके बाद से संजय गाँधी नेशनल पार्क ने कई बार फ़िल्म सिटी से वह ज़मीन लौटाने के लिए मिन्नतें कीं लेकिन सब बेकार। Aarey पर पर्यावरण का रोना रोने वाले बॉलीवुड सेलेब्स अपने घर से शुरू करेंगे बदलाव?