विशेषज्ञों का मानना है कि चूँकि जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद से हिंसा भड़काने के पाकिस्तान के सभी प्रयास नाकाम हो रहे हैं, इसलिए हताशा में यह कदम उठाया गया है। उसे कोई अंतरराष्ट्रीय समर्थन नहीं मिल रहा, हिंदुस्तान से व्यापारिक रिश्ते तोड़ लेने का खमियाज़ा भी पाकिस्तान को ही अपने यहाँ बेकाबू हो रही महँगाई के रूप में भुगतना पड़ रहा है।
पाकिस्तान की समस्या यह है कि उसका दम्भ भी भीख पर टिका हुआ है और अमेरिका समेत कई यूरोपीय देशों ने उसके कटोरे में सिक्के डालने से मना कर दिया है। अब पाकिस्तान उस कटोरे को बेच कर नान और टिमाटर का जुगाड़ कर सकता है, लेकिन भारत से युद्ध की सोचने पर भी, उसकी हालत यह होगी कि वहाँ की जनता भारत के बमों से नहीं, भूख से मर जाएगी।
इनकी मूर्खता आप देखिए कि खुद खाने के लाले पड़े हैं और चाहते हैं कि कश्मीर ले कर उन्हें भी अपने जैसा बना देंगे। यही तो खिलाफत है कि खलीफा के शासन में सारे लोग सिर्फ इसलिए खुश रहें कि अब तो हम इस्लामी खिलाफत में हैं और शरिया कानून है यहाँ। वो रुक कर ये तक नहीं सोचते कि ऐसे शासन में उनका जीवन स्तर क्या होगा?
पीरजादा ने कहा, "मुझे आशा है कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने के बाद कश्मीरी जनता अगर भारतीय सत्ता के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतरती है तो पाकिस्तानी फौज जमीन पर जाकर उनकी मदद करेगी।"
वीडियो में देखा जा सकता है कि सांसद मुशाहिद उल्ला खान और फवाद चौधरी एक-दूसरे को धमकी दे रहे हैं। स्पीकर की शांत रहने की दरख्वास्त का भी दोनों नेताओं पर कोई फर्क नहीं पड़ता है।
ईद-उल-अजहा के मौके पर पाकिस्तान ने बीएसएफ से ईद की मिठाई लेने से इनकार कर दिया है। भारतीय जवानों ने बाघा-अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तानी रेंजर्स को ईद की मिठाई दी लेकिन उन्होंने मना कर दिया।
शोभा डे ने अपने लेख में कहा था कि बुरहान वानी को भले ही 'अल्ट्रा-पेट्रियट' आतंकी कहें या गद्दार, कश्मीर के लोगों का वो हीरो था, उसमें 'करिज़्मा' था। हिंदुस्तान के नेताओं को घेरते हुए उन्होंने लिखा था कि वे अपने घरों में आराम से बैठकर 'शांतिप्रिय' कश्मीरियों के बारे में खोखले भाषण देते हैं।
"भारत सरकार जम्मू कश्मीर की भौगोलिक परिस्थितियों को जबरदस्ती बदलना चाहती है। क्या दुनिया सिर्फ़ देखती रहेगी और समर्थन करती रहेगी, जैसा कि म्यूनिख में हिटलर के काल में हुआ था?"
गिरफ्तार किया गया मौलाना खैम रिज्वी तहरीक-लब्बैक नाम के संगठन से जुड़ा है। किले की देखरेख करने वाली अर्ध सरकारी संगठन वर्ल्ड सिटी ऑफ लाहौर अथॉरिटी ने बकरीद के बाद प्रतिमा ठीक कराने की बात कही है।