"अरे बेहूदों, मुख्य आरोपित परवेश गुज्जर है, ये एक वास्तविकता है। ये व्यक्ति कैमरा के सामने ही बुजुर्ग पीड़ित को 'जय श्री राम' बोलने के लिए मजबूर कर रहा है।"
मीडिया को हिन्दू प्रतीक चिह्नों से इतनी नफरत है कि 'जय श्री राम' जैसे पवित्र शब्द को बदनाम करने के लिए कई सालों से कोशिश की जा रही है, खासकर भाजपा के सत्ता में आने के बाद से।
यूपी पुलिस की जाँच में यह पता चला है कि यह ऑडियो फेक था और जानबूझकर एडिट करके बनाया गया था। सोशल मीडिया मैनेजमेंट का कार्य करने वाले अतुल कुशवाहा ने इस मामले में थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।