एनपीआर का मकसद देश में रहने वाले लोगों की पहचान का एक डाटाबेस तैयार करना है। एनपीआर के लिए 2010 में पहली बार डाटा जमा किया गया था, जब यूपीए-2 सरकार थी। असम को छोड़ कर पूरे देश में यह प्रक्रिया होगी।
बीजेपी ने इस कानून को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम का जवाब देने के लिए घर-घर पहुॅंचने का फैसला किया है। बिल के समर्थन में 250 स्थानों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी।
मीडिया के कुछ बड़े नाम हैं, जो लदीदा और आयशा को वर्षों से तैयार कर रहे थे। एक 317 लोगों के कातिल याकूब की समर्थक है, दूसरी काफ़िरों के ख़िलाफ़ जिहाद की बात करती है। सूडानी आंदोलन की तर्ज पर इन्हें नायिकाओं की तरह पेश किया गया। जामिया के इस कमाल के स्क्रिप्ट का सूत्रधार कौन?
"देश का इकलौता प्रतीक चिह्न अशोक स्तम्भ ही नहीं है। मंत्रालय की नियमित प्रेस ब्रीफिंग के दौरान इस विषय को सम्बोधित करते हुए कहा, "यह प्रतीक हमारा राष्ट्रीय फूल है और फर्जी पासपोर्ट को पहचानने के लिए सिक्यॉरिटी फीचर मजबूत करने का एक कदम है।"
"लोग हिंदू-मुस्लिम कर रहे हैं? मुस्लिमों को बताइए यहाँ पर क्या दिक्कत है? उनको क्या परेशानी है? हमारे वहाँ पर हिंदू तकलीफ में हैं। उन पर अत्याचार होते हैं। तभी हम यहाँ आते हैं, कौन चाहता है अपना घर छोड़ना... कॉन्ग्रेस ने ही तो धर्म के नाम पर देश को बाँटा था। कॉन्ग्रेस सरकार में यह मुमकिन नहीं हो पाता।"
CAB पर अमेरिकी कमीशन वही सारे झूठ गढ़ रहा है, जो भारत में वामपंथी और विपक्षी नेता प्रलाप रहे हैं। इस कमीशन ने गुजरात के सीएम रहते मोदी पर बैन की पैरवी की थी। अब अमित शाह पर बैन चाहता है।
43 लोगों की जान लील चुके हादसे से केजरीवाल सरकार ने पल्ला झाड़ लिया है। उसका कहना है कि सारी जिम्मेदारी एमसीडी की थी। उसकी अक्षमता को छिपाने के लिए केंद्र सरकार झूठे दावे कर रही है।
हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप और हत्या के चारों आरोपित शुक्रवार को पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे। इस मामले में शादनगर के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) ने शिकायत दर्ज की है। शादनगर पुलिस स्टेशन में भी कंप्लेन दर्ज की गई है.....