Friday, March 29, 2024
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‘हम यहाँ भीख माँगकर भी खुश, कॉन्ग्रेस सरकार में यह मुमकिन नहीं होता’: Pak रिफ्यूजी हिंदू

"हम मजदूरी करके भी खुश हैं। हमें इस देश में इज्जत मिल रही है। सारी सुविधा मिल रही है। इससे ज्यादा और क्या चाहिए... हम यहाँ भीख भी माँगकर खुश हैं।"

लोकसभा में सोमवार (दिसंबर 9, 2019) को नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB, कैब) बहुमत से पास होने के बाद आज ऊपरी सदन में इसे पारित कराने के लिए बहस जारी है। माना जा रहा है शाम या देर रात तक इस पर फैसला आ जाएगा, सारी तस्वीर साफ हो जाएगी। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए अल्पसंख्यक समुदाय के लोग इस फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इनका मानना है कि केंद्र सरकार के इस कदम से इन सबके जीवन में उजाला आ जाएगा।

इन्हीं लोगों में एक नाम गुलशेर का भी है। गुलशेर इसी वर्ष 14 मई को अपने तीन बच्चों के साथ भारत आए थे। यहाँ आकर उन्होंने अपने बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए न्यायिक लड़ाई लड़ी और अंत में सुप्रीम कोर्ट के वकील अशोक अग्रवाल की मदद से उन्हें स्कूल में दाखिला दिलवाने में सफल हुए। इस खुशी को अभी कुछ महीने ही बीते थे कि मोदी सरकार ने इस विधेयक (नागरिकता संशोधन विधेयक) को पेश करके उनके जीवन में एक और तोहफा दे दिया।

बच्चों को कुछ दिन पहले मिला था शिक्षा का अधिकार

ऑपइंडिया ने इस मौक़े पर गुलशेर से बात की और जानना चाहा कि एक खुशी के तुरंत बाद मोदी सरकार के प्रयासों से मिलने वाली दूसरी सौगात पर उनकी क्या प्रतिक्रिया है और उन्हें इस समय कैसा लग रहा है। सवाल सुनते ही गुलशेर काफी भावुक नजर आए और पूरे मामले पर बात करते हुए उनके शब्दों में उत्साह, भारत के प्रति प्रेम, वर्तमान सरकार के प्रति आभार झलकता रहा।

गुलशेर से बातचीत का अंश

सवाल- नागरिकता संशोधन विधेयक पास हो जाने के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदुओं को नागरिकता मिलेगी… बच्चों के एडमिशन के बाद ये खबर सुनकर कैसा लग रहा है?
जवाब- हमें बहुत अच्छा लग रहा है। हम बहुत खुश हैं। मोदी सरकार ने हमारे लिए बहुत अच्छा किया है। अब हमारे बच्चों का भविष्य बन जाएगा। हम पाकिस्तान से अपना धर्म बचाकर आए थे। अगर, अब हमें अधिकार मिल रहे हैं, तो विरोध करने का तो कोई सवाल ही नहीं है। सरकार हमें हमारा हक दे रही है। हम बहुत खुश हैं… हम कौन सा दूर के हैं। पाकिस्तान और भारत पहले एक थे। लेकिन अब अगर पाकिस्तान में हमारे बहन-बच्चों पर अत्याचार हो रहे हैं, तो हम कहाँ जाएँगे… हम तो हिंदुओं के मुल्क में आएँगे न?

सवाल- जब पाकिस्तान से भारत आए थे, तो क्या उम्मीदें थीं? लगता था भारत अपनाएगा या नहीं?
जवाब- हाँ हमें लगता था भारत हमें अपनाएगा। मोदी सरकार ये प्रस्ताव लाई है। हम इससे बहुत खुश हैं। हम बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं कि वो हमें हमारा हक दे रहे हैं। हम यहाँ खुशी से जीना चाहते हैं, खुशी से रहना चाहते हैं। हमारे बच्चे खुश हैं यहाँ पर। हमारे साथ कोई भेदभाव नहीं है। अब अधिकार मिलेंगे तो हमारे बच्चे आगे बढ़ेंगे और अच्छा करेंगे। हमारे बच्चे भी आगे फौज में जाएँगे, सरकारी नौकरी करेंगे। हमें कोई दिक्कत नहीं है यहाँ पर। हमारा धर्म है और हम उसे ही बचाकर भारत आए हैं।

सवाल-3 आपके अलावा आपके जानने वालों में अन्य साथी भी होंगे, उनकी कैब को लेकर क्या प्रतिक्रिया है?
जवाब- हम सबकी एक ही प्रतिक्रिया है। सरकार का जो प्रस्ताव है, हम इससे खुश हैं। लोग 20-30 सालों से नागरिकता पाने का इंतजार कर रहे हैं। कइयों की पासपोर्ट गुम चुकी है, कुछ को वीजा नहीं मिल रहे। ऐसे में हम सब इस प्रस्ताव से बहुत खुश हैं।

सवाल-4 धन्यवाद के अलावा मोदी सरकार के लिए क्या कहना चाहेंगे?
जवाब- हम मोदी सरकार की बहुत तारीफ करते हैं। अगर हिंदुओं के हित के लिए किसी ने कुछ किया है तो वो मोदी सरकार है। वो जो कर रही है, बहुत अच्छा कर रही है… लोग हिंदू-मुस्लिम कर रहे हैं… मुस्लिमों को बताइए यहाँ पर क्या दिक्कत है? उनको क्या परेशानी है? हमारे वहाँ पर हिंदू तकलीफ में हैं। उन पर अत्याचार होते हैं। तभी हम यहाँ आते हैं, कौन चाहता है अपना घर छोड़ना… हम अपना काम, बिजनेस सब अपने धर्म को बचाने के लिए छोड़कर आए हैं, अपने बच्चों के लिए आए हैं… वहाँ हमारे बच्चे इतने पढ़े लिखे थे, लेकिन फिर भी बच्चों की पढ़ाई आगे नहीं बढ़ रही थी। यहाँ आने के बाद हमने धक्के खाए, कोर्ट के दरवाजे खटकाए। हम सिर्फ़ अपने बच्चों के लिए आगे बढ़े।

सवाल-5 आपको लगता है कि वर्तमान में अगर कोई और सरकार होती तो ऐसा मुमकिन हो पाता?
जवाब-नहीं बिलकुल नहीं। कभी मुमकिन नहीं हो पाता। कॉन्ग्रेस ने ही तो धर्म के नाम पर देशों को बाँटा था। पाकिस्तान, बांग्लादेश सब धर्म के नाम पर अलग हुए थे। आज हमारा हिंदुस्तान सबसे आगे है। यहाँ हर किसी को अधिकार है। हमारे देश (पाकिस्तान) में भी ऐसा होता तो हम यहाँ शरण लेने क्यों आते? अपने बच्चों को, अपना घर-परिवार, जमीन, मातृभूमि को कोई छोड़ता है? मकान चाहे एक कमरे का हो, लेकिन सबको अपना घर अच्छा लगता है… आज हम यहाँ धक्के खा रहे हैं, हमारे पास घर नहीं है, बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसा नहीं है… लेकिन फिर भी कहते हैं कि हम मजदूरी करके भी खुश हैं। हमें इस देश में इज्जत मिल रही है। सारी सुविधा मिल रही है। इससे ज्यादा और क्या चाहिए… हम यहाँ भीख भी माँगकर खुश हैं।

इस बातचीत के दौरान अपने हर दूसरे वाक्य में गुलशेर ने मोदी सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि शाम या देर रात तक इस विधेयक के पास हो जाने पर वो इस फैसला पर कल जमकर खुशी मनाएँगे। ढोल-नगाड़े बजाए जाएँगे और मिठाई भी बाँटेंगे।

बता दें कि गुलशेर जैसे बहुत से ऐसे शरणार्थी हैं, जिन्हें मुस्लिम बहुल देशों (पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश) में अल्पसंख्यक होने के कारण प्रताड़ना झेलना पड़ी और आखिरी उम्मीद के साथ वो भारत आए और अब मोदी सरकार के प्रयास पर उन्हें धन्यवाद दे रहे हैं।

इससे पहले यहाँ सोमवार (दिसंबर 9, 2019) को लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों में खुशी की लहर दौड़ गई थी। दिल्ली में बसे पाकिस्तान से आए हिन्दू शरणार्थियों ने मजनू के टीले पर जमकर जश्न मनाया था। इस दौरान लोगों ने पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह जिंदाबाद के नारे लगाए थे। साथ ही ‘जय श्री राम’ से भी इलाका गूँज गया था। लोगों ने यहाँ मिठाई बाँटी थी और पीएम मोदी की तस्वीर को अपने घरों की दीवारों पर भी लगा लिया था।

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