प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में सभी मंत्रियों से साफ़-साफ़ कहा कि वे समय पर दफ्तर पहुँचे और घर से काम करने वाली आदत से बचें। पीएम ने उन्हें नसीहत दी कि वे लोगों के लिए एक अच्छा उदाहरण पेश करें।
जल जीवन मिशन 14 करोड़ घरों में पानी की आपूर्ति के लिए लॉंच किया गया है। इस मिशन का लक्ष्य 2024 तक 100 फीसद घरों में सप्लाई जल पहुँचाना है, जो अभी सिर्फ़ 18 फीसद घरों में पहुँचता है। नए मिशन 'नल से जल' के जरिए ये सुनिश्चित करेगी कि आने वाले पाँच सालों में हर घर में पानी पहुँचे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार इस बार ग़रीबी उन्मूलन और पानी से जुड़े मुद्दों पर ज्यादा ध्यान देने वाली है। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के विस्तार की बात करते हुए इसके 5 लाख डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा। उन्होंने इसके लिए रोडमैप तैयार करने की ज़रूरत पर बल दिया।
ये सभी अधिकारीगण इनकम टैक्स विभाग में चीफ कमिश्नर, प्रिंसिपल कमिश्नर्स और कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जैसे महत्वपूर्ण और बड़े पदों पर तैनात थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन अधिकारियों में से कई पर भ्रष्टाचार, बेहिसाब संपत्ति का अर्जन और यौन शोषण जैसे आरोप लगे हुए थे।
जो विद्यार्थी गलत तरीके से पैसे देकर शिक्षक की नौकरी पा भी लें तो वे क्या पढ़ाएँगे और क्या नीति की बातें सिखाएँगे? बात सिर्फ शिक्षकों की नहीं है। धाँधली करके प्राप्त की गई किसी भी नौकरी के किसी भी पर पहुँचा अधिकारी क्या उस पद के साथ ईमानदार रह पाएगा? क्या वह आगे भी रिश्वतखोरी नहीं करेगा?
नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के बाद ममता बनर्जी का नीति आयोग की कमियों पर ध्यान गया और उन्होंने तीन पेज की चिट्ठी लिखकर नीति आयोग को लेकर कई सवाल उठाए हैं। 15 जून को नई दिल्ली में नीति आयोग की बैठक होनी है, जिसमें केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, नीति आयोग के सदस्य और केंद्रीय मंत्रियों को बुलाया है। नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की ये पहली बैठक है।
अगले 5 सालों में 5 करोड़ अल्पसंख्यक छात्रों को 'प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति' दी जाएगी। जिसमें 50 प्रतिशत छात्रवृत्ति छात्राओं को दी जाएगी। 3E यानी एजुकेशन, एम्प्लॉयमेंट और एम्पावरमेंट के लक्ष्य के तहत...
स्वनामधन्य न्यूज़ चैनल एनडीटीवी की वेबसाइट पर नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के एक दिन बाद ही बिजली की तेज़ी से यह विश्लेषण प्रकाशित किया गया कि मोदी ने अजित डोभाल के 'पर क़तर दिए।'
जिस हिस्से में बदलाव किया गया है, उसमें पहले व्यवस्था दी गई थी कि हिंदी भाषी राज्यों में विद्यार्थी हिंदी व अंग्रेजी के सिवा एक अन्य भारतीय भाषा का अध्ययन करेंगे जबकि जिन राज्यों में हिंदी नहीं बोली जाती, वहाँ के छात्र हिंदी और अंग्रेजी के सिवा अपनी मातृभाषा में पढ़ेंगे। इसे 'Three Language Formula' कहा जा रहा था।
अजीत डोभाल को राष्ट्रीय सुरक्षा क्षेत्र में उनके अच्छे काम के लिए मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला है। उनकी नियुक्ति पाँच साल के लिए हुई है। NSA अजीत डोभाल की गिनती देश के सबसे ताकतवार नौकरशाहों में होती है।