RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर रेपो रेट 4.4% से घटाकर 4% कर दिया है। रिज़र्व बैंक ने लॉकडाउन के बाद लगातार तीन बार रेपो रेट में कटौती की है।
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि बैंकों को अपने फंड का 50% TLTRO-2 के तहत छोटे और मझोले साइज NBFC में निवेश करना होगा। जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
इन तीन महीनों में अगर वो EMI या क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान नहीं करते हैं, तो उन्हें इस अवधि का ब्याज देना होगा। हालाँकि, इस वजह से उनके लोन चुकाने की अवधि तीन महीने के लिए बढ़ जाएगी। सबसे जरुरी बात यह है कि EMI पर ग्राहकों को सिर्फ तीन माह की मोहलत मिली है, ना की लोन चुकाने से माफी!
रेपो रेट 0.75 फीसदी की कटौती के साथ 4.4% हो गया है। इससे लोन की मासिक किस्तें घटेंगी। कटौती का फायदा होम, कार या अन्य तरह के लोन सहित कई तरह के ईएमआई भरने वाले करोड़ों लोगों को मिलने की उम्मीद है। इसके साथ ही नए लोन लेने वाले ग्राहकों को भी फायदा मिलेगा।
बुधवार (मार्च 18, 2020) की शाम 6 बजे के बाद से यस बैंक के ग्राहक सभी प्रकार की बैंकिंग सेवाओं व सुविधाओं का पूर्ववत लाभ उठा सकेंगे। बैंक के नए प्रबंध निदेशक प्रशांत कुमार ने उक्त जानकारी दी है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के जानकारी दी कि बैंक के पास नकदी की कोई कमी नहीं है।
सीतारमण ने कहा कि राजन के समय में बैंक कर्जों में बहुत समस्याएँ थीं। राजन के ही RBI प्रमुख रहते भ्रष्ट नेताओं के फ़ोन कॉल से क़र्ज़ मिल जाया करते थे। बैंकों को उस दलदल से निकलने के लिए सरकार से पूँजी ले-ले कर काम चलाना पड़ रहा है।
PMC बैंक के प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस ने दावा किया कि बैंक के पास जमाकर्ताओं की देनदारी चुकाने के लिए पर्याप्त नकदी है। उन्होंने RBI के कदम को "ज़रूरत से ज़्यादा कठोर" बताया।