Saturday, April 26, 2025
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RBI ने दी EMI के भुगतान पर 3 महीने की अतिरिक्‍त छूट, लगातार 3 बार रेपो रेट में कटौती

RBI ने लोन की किस्‍त देने पर 3 महीने की अतिरिक्‍त छूट दी है। यानी, अगले 3 महीने तक बैंक से लिए गए ऋण के भुगतान न करने पर बैंक किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाएगा।

भारत के केंद्रीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में कटौती करते हुए इसे 4.40% से घटाकर 4% कर दी है। रिज़र्व बैंक ने लॉकडाउन के बाद लगातार तीन बार रेपो रेट में कटौती की है। दरअसल, रेपो रेट में कटौती से बैंकों से मिलने वाले क़र्ज़ पर असर पड़ता है क्योंकि इसका असर ब्याज दरों पर पड़ता है।

इसके साथ ही RBI ने लोन की किस्‍त देने पर 3 महीने की अतिरिक्‍त छूट दी है। यानी, अगले 3 महीने तक बैंक से लिए गए ऋण के भुगतान न करने पर बैंक किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाएगा।

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज ऐसी ही कुछ प्रमुख घोषणाएँ कीं। प्रेस वार्ता में शक्तिकांत दास ने कहा कि महँगाई दर अभी भी 4% से नीचे रहने की संभावना है, लेकिन लॉकडाउन के वजह से यह बढ़ सकती है।

EMI भुगतान में 3 और महीनों की राहत

रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों का लोन चुका रहे लोगों को राहत देते हुए लोन चुकाने की अवधि को और तीन महीनों के लिए आगे बढ़ाने की घोषणा की है। इससे पहले इसी साल 27 मार्च को आरबीआई ने बैंकों से लोन मोरैटोरियम की अवधि तीन महीने के लिए बढ़ाने को कहा था।

भुगतान की अवधि तीन महीने और बढ़ने से अब 6 महीने के मोरैटोरियम की सुविधा हो गई है। यानी, इन 6 महीने अगर ग्राहक अपनी EMI नहीं चुकाते हैं तो आपका लोन डिफॉल्ट या NPA कैटेगरी में नहीं माना जाएगा।

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू करते हुए कहा कि हमें यह भरोसा रखना होगा कि भारत इस मुश्किल वक्त से उबर जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से आर्थिक नुकसान हुआ है। जबकि भारत में बिजली व पेट्रोलियम उत्पाद की खपत में गिरावट आई है।

प्रेस वार्ता में RBI गवर्नर ने बताया कि MPC की बैठक में 6-5 सदस्यों ने ब्याज दरें घटाने के पक्ष में सहमति जताई। इस फैसले से होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन सहित सभी तरह के कर्ज पर EMI सस्ती होगी।।

इसके साथ ही शक्तिकांत दास ने आशंका जताई है कि चालू वित्तीय वर्ष की जीडीपी ग्रोथ रेट नेगेटिव रह सकता है। उन्हीने कहा कि कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन की वजह से देश में महँगाई बढ़ने की आशंका है।

अच्छे मानसून की उम्मीदों पर उन्होंने कहा कि कृषि से काफी उम्मीदे है। हालाँकि, माँग और आपूर्ति का अनुपात गड़बड़ाने के कारण देश की अर्थव्यवस्था थमी हुई है, फिर भी RBI द्वारा लिए जा रहे फैसलों का असर सितम्बर माह तक दिखना शुरू हो जाएगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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