दिल्ली में कुछ मतदाताओं के मोबाइल पर एक बेहद भावुक करने वाला सन्देश प्राप्त हुआ है, जिसमें दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के लिए हिन्दुओं की आराध्य देवी सरस्वती माता के नाम पर वोट माँगे जा रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल पिछले करीब डेढ़ महीने से घर में बैठकर तमाशा देख रहे हैं। दिल्ली में छात्रों पर हमले हो रहे हैं, अगर बच्चे ही दिल्ली में सुरक्षित नहीं हैं, तो कौन सुरक्षित है? लेकिन अब साफ़ हो गया है कि इन हमलों के पीछे किसका हाथ है और दिल्ली में कपिल गुर्जर को कौन लेकर आया था।
"अरविन्द केजरीवाल इस बात से नाराज़ चल रहे थे कि करोड़ों रुपए फूँकने के बाद भी आप को शाहीन बाग़ प्रदर्शन का कोई फायदा नहीं मिल रहा है। आक्रोशित केजरीवाल ने जब नाराजगी जाहिर की तो अमानतुल्लाह मारपीट पर उतर आए।"
सोशल मीडिया पर लोगों ने अरविंद केजरीवाल से अपील की है कि वे जहाँ कहीं भी हों, पीड़ित के रुपए दे दें क्योंकि वो बेरोजगार है और उसने जॉब की उम्मीद में ये काम करना स्वीकार किया था।
मोहल्ला क्लीनिक में दवाएँ तो दूर न तो सुई है और न ही पट्टी। बीपी चेक कराने के लिए भी बाहर जाने को बोल दिया जाता है। वहीं दूसरे लोग कहते हुए सुनाई देते हैं कि मोहल्ला क्लीनिक अधिक समय तक बंद ही रहते हैं। इसी कारण लोग यहाँ आस-पास गंदगी फैलाते रहते हैं, जिससे ये अब मोहल्ला क्लीनिक नहीं, पेशाब घर बन चुके हैं।
दिल्ली में जितने शिक्षक के कुल पद (लगभग 65000) है, उससे अधिक शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया योगी आदित्यनाथ सरकार ने सरकार बनाते ही शुरु कर दी। यूपी में बीते 3 वर्षों में 68000 से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरु हुई है। न्यायिक प्रक्रिया पूरी होते ही ये शिक्षक स्कूलों में पढ़ाने लगेंगे। यही नहीं, यूपी ने लाखों अतिथि शिक्षकों के मसले सुलझाए हैं, जो राजनीतिक और शैक्षिक रूप से बेहद संवेदनशील थे।
आम आदमी पार्टी के नारे 'अच्छे बीते 5 साल, लगे रहो केजरीवाल' को अलका लाम्बा ने मजाक करार दिया। लाम्बा ने कहा कि बीते 5 साल लड़ाई-झगडे और कोर्ट-कचहरी में नज़र आने वाले केजरीवाल को अब बस भी करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार तो जामा मस्जिद के पास भूमाफियाओं से ज़मीन भी खाली नहीं करा पाई।
कॉन्ग्रेस चालाक निकली। उसने दिग्विजय और मणिशंकर जैसे नाकारा नेताओं को वहाँ भेज इतिश्री कर ली। 'सरजी' राजनीतिक फसल काटने के लिए लालच में आ गए। अमानतुल्लाह-सिसोदिया ने काम बिगाड़ दिया। अब शाहीनबाग़ वो कुल्हाड़ी बन गया है, जिसे दिल्ली के मुखिया ने अपने पाँव पर ही दे मारा।
अमित शाह ने रैली के दौरान न सिर्फ़ मोदी सरकार के कामकाज को गिनाया बल्कि केजरीवाल सरकार की नाकामियों को भी जनता के समक्ष रखा। शाह ने दिल्ली के सीएम से पूछा कि वो भारत माता के टुकड़े करने वाले टुकड़े-टुकड़े गैंग को जेल में डालने की परमिशन दे रहे हैं या नहीं?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रामलीला मैदान में हुई रैली और 40 लाख लोगों की कॉलनियों को पक्का किए जाने के कारण भाजपा को फायदा हुआ है। अमित शाह छोटी-छोटी सभाएँ कर रहे हैं। सीएए के ख़िलाफ़ हुई हिंसा में विरोधी पार्टियों के नेताओं का हाथ होने की बात से भी फ़र्क़ पड़ा है।