1989 में पहली बार उग्र इस्लामिक कट्टरपंथियों की भीड़ ने मंदिर पर हमला बोला था। इसके बाद 24 फरवरी 1990, 13 अप्रैल 1991 और फिर 8 मई 1992 को इस मंदिर पर हमले हुए।
राजस्थान के बाड़मेर की एक विशेष अदालत ने पाकिस्तान से विस्फोटक पदार्थ, हथियार और गोला-बारूद की तस्करी के 11 साल पुराने मामले में 10 लोगों को दोषी ठहराते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
दंगों में शामिल गिरफ्तार किए 40 संदिग्धों का 2016 में आरएसएस कार्यकर्ता रुद्रेश की हत्या, 2014 में चर्च स्ट्रीट विस्फोट और 2013 में मल्लेश्वरम में भाजपा कार्यालय विस्फोट जैसे मामलों में गिरफ्तार अभियुक्तों के साथ नजदीकी संबंध होने का पता चला हैं।
वीडियो 3 आतंकवादियों ने मिल कर बनाया है जो इस हमले में शामिल थे। वीडियो में यह साफ़ तौर पर देखा जा सकता है कि कैसे वह घात लगा कर छिप कर हमले की तैयारी कर रहे थे।