285 साल पहले हैदराबाद के निजाम के सामने मराठा ऐसी दीवार बनकर खड़े हुए कि इतिहास में शौर्य का एक नया अध्याय जुड़ गया। इसे बैटल ऑफ भोपाल के नाम से जानते हैं।
480 ईसापूर्व के अजंता की गुफाओं में 'चिकनकारी' जैसी कलाकृति है। 2500 साल पुरानी चन्द्रकेतुगढ़ की एक मूर्ति में ये है। राजा हर्षवर्धन इसके शौक़ीन थे। मुगलों को श्रेय क्यों?
महाराणा बख्तावर सिंह की पत्नी रानी दौलत कुँअर भी वीरांगना थीं और उन्होंने अपने पति द्वारा जलाई गई क्रांति की मशाल को आगे बढ़ाते हुए अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी।
स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के तौर पर मनाई जाती है। लेकिन इसकी कभी चर्चा नहीं होती कि कैसे उन्होंने पाठ्यपुस्तकों से इस्लामी बर्बरता को गायब करने का काम किया।
पहाड़ी को घेर कर अंग्रेजों ने 1500 हिन्दू भीलों को मार डाला, लेकिन इतिहास में इस घटना को जगह नहीं मिली। गोविंद गिरी को भी भुला दिया गया। जानिए मानगढ़ नरसंहार के बारे में।