भारत एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करने जा रहा है। भारत चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर अपना यान उतारने वाला पहला राष्ट्र बन जाएगा। यह यान 16 दिनों तक पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए चाँद की तरफ बढ़ेगा। इस दौरान चंद्रयान की अधिकतम गति 10 किलोमीटर प्रति सेकंड होगी।
फ़िलहाल इसरो का ध्यान चंद्रयान-2 पर है, जिसे 15 जुलाई को उड़ान भरनी है। यह चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने का प्रयास करेगा, जो कि अब तक मानव द्वारा अनछुआ है।
यह पहली बार नहीं है जब कॉन्ग्रेस ने चुनावी लाभ के राष्ट्रीय हितों से समझौता करते हुए महज चुनावी लाभ के संस्थाओं को अपने तरीके से चलाया है। यहाँ भी यह साबित हो रहा है कि संस्थाओं की कार्यशैली में जितना हस्तक्षेप कर देश की तरक्की को नुकसान पहुँचाया है उतना किसी ने नहीं।
इस उपग्रह की खूबी है - सिंथेटिक अपर्चर रडार (synthetic aperture radar) - जिसके कारण यह किसी भी मौसम में काम करता रहेगा, निगरानी रखता रहेगा। RISAT-2B में पूर्णतः स्वदेशी विक्रम प्रोसेसर लगा हुआ है।
कार्टोसैट-3 एक उन्नत उपग्रह है। इसमें 0.2 मीटर (20 सेमी) के रिज़ॉल्यूशन को ज़ूम करने की क्षमता है। इस क्षमता को दुनिया में सबसे अच्छा माना जाता है। इससे बंदूक या दुश्मन के बंकर में मौजूद हर छोटी से छोटी वस्तुओं को स्पष्ट देखा जा सकेगा।
मोदी विरोध के लिए देश की उपलब्धियों को झुठलाने वाली कॉन्ग्रेस व विपक्षी दल फिर कटघरे में हैं। आज नहीं कल, लोग उनसे हिसाब माँगेंगे और पूछेंगे कि देश को मजबूत बनाने वालों की संदिग्ध मौत और भारत को असुरक्षित बनाने वाली कॉन्ग्रेस पार्टी के इतिहास में इतने ब्लैक होल क्यों हैं?
रोवर में छह पहिए हैं और इसका वजन 20 किलो बताया जा रहा है। पावर समस्या से बचने के लिए रोवर को सोलर पावर वाले उपकरणों से भी लैस किया गया है। जिससे रोवर की दूरी का सटीक पता लगाने में आसानी होगी।
नम्बी नारायणन को प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अपनी डिग्री पूरी करने में मात्र 10 महीने लगे थे। मात्र 10 महीने? जेएनयू के ‘सेलेब्रिटी छात्रों’ ने अकेले टीवी स्टूडियो में ही 10 महीने से अधिक समय बिता दिया होगा।