1910 में 26 अगस्त को अल्बेनिया में पैदा हुई उस लड़की को दुनिया ने जाना 'मदर टेरेसा' के नाम से। उसे करुणा और सेवाभाव की मूर्ति के तौर पर वैसे ही प्रचारित किया गया, जैसे संत वेलेंटाइन को प्रेम का मसीहा बताया जाता है।
महाराष्ट्र के पालघर में ईसाई मिशनरी के एजेंटों ने एक वनवासी महिला के घर में घुस कर उसके ऊपर धर्मांतरण का दबाव बनाया। जब वो नहीं मानी तो इन लोगों ने उसे धमकियाँ दीं।