Sunday, May 18, 2025
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‘वो न होते तो हम बिहार बन गए होते’: तमिलनाडु के विधानसभा अध्यक्ष ने ईसाई मिशनरियों को दिया राज्य के विकास का श्रेय

अप्पावु ने दावा किया कि कैथोलिक मिशनरियों के कारण ही आज वह इस मुकाम तक पहुँचे हैं। सरकार उन लोगों की है, जो उपवास रखते हैं और प्रार्थना करते हैं।

तमिलनाडु (Tamil Nadu) विधानसभा के अध्यक्ष एम अप्पावु (M Appavu) विवादित बयान देने के बाद से चर्चा में हैं। उन्होंने सोमवार (25 जुलाई 2022) को कहा कि तमिलनाडु के विकास में ईसाई मिशनरियों का अहम योगदान है। उन्होंने राज्य के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए, इनके बिना ये राज्य बिहार बन गया होता। वहीं, भाजपा ने तमिलनाडु विधानसभा के अध्यक्ष एम अप्पावु को आड़े हाथों लेते हुए उनसे ‘सांप्रदायिक टिप्पणी’ के लिए माफी माँगने को कहा है।

भाजपा प्रवक्ता मोहन कृष्ण ने टाइम्स नाउ से कहा, “तमिलनाडु के स्पीकर को माफी माँगनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया है वह सांप्रदायिक हैं। कैथोलिक ईसाइयों के बिना तमिलनाडु बिहार बन जाएगा। यह पूर्ण तुष्टिकरण है।” भाजपा नेता ने तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) पर हमला करते हुए कहा कि पार्टी की हिंदू विरोधी मानसिकता है। उन्होंने कहा, “सत्ता में आने के बाद से द्रमुक हमेशा विवादों में रही है। उनका एजेंडा वहाँ के हिंदुओं को नीचा दिखाना और राज्य में हिंदू विरोधी प्रचार को बढ़ावा देना है।”

उधर अप्पावु ने दावा किया कि कैथोलिक मिशनरियों के कारण ही आज वह इस मुकाम तक पहुँचे हैं। सरकार उन लोगों की है, जो उपवास रखते हैं और प्रार्थना करते हैं। स्पीकर अप्पावु ने यह भी कहा, “मुख्यमंत्री (एमके स्टालिन) जानते हैं कि यह सरकार आप सभी ने बनाई है। आप (कैथोलिक मिशन) आगे बढ़कर अपने सीएम से बात कर सकते हैं। मैं आपका समर्थन करूँगा। आपके बिना तमिलनाडु का विकास संभव नहीं होगा। अगर ईसाई मिशनरी नहीं होती, तो तमिलनाडु भी बिहार जैसा होता।” उन्होंने आगे कहा, “कैथोलिक मिशनरी विकास का मुख्य कारण रहे हैं। तमिलनाडु की मजबूत नींव आपने ही रखी है।”

इस पर विवाद गहराने के बाद स्पीकर अप्पावु ने इंडिया टुडे से खास बातचीत में दावा किया, “मैंने केवल इतिहास का उल्लेख किया है।” भाजपा के सवालों का जवाब देने से इनकार करते हुए स्पीकर ने कहा, “केवल ईसाई मिशनरियों ने सभी के लिए शिक्षा उपलब्ध कराई। ईसाई मिशनरियों ने सामाजिक समानता लाई। द्रविड़ आंदोलन उनके काम का विस्तार है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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