Sunday, December 22, 2024

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उत्तराखंड

चैत्र संक्रांति के साथ उत्तराखंड मना रहा है प्रकृति देवी का पर्व – फूलदेई

बच्चे चैत्र मास के पहले दिन से बुराँस, फ्योंली, सरसों, कठफ्योंली, आड़ू, खुबानी, भिटौर, गुलाब आदि फूलों को तोड़कर घर लाते हैं, और घर-घर जाकर "फूलदेई-फूल देई छम्मा देई दैणी द्वार भर भकार यो देई सौं बारंबार नमस्कार" कहकर घरों और मंदिरों की देहरी पर फूल बिखरते हैं।

अब कॉन्ग्रेस का ‘बूट’ हुआ मजबूत, कॉन्ग्रेस समर्थकों में 10 मिनट तक चली ताबड़तोड़ सुताई और कुटाई

उत्तराखंड के पूर्व CM हरीश रावत और संजय पालीवाल के समर्थक दस मिनट तक एक दूसरे पर ताबड़तोड़ लात, घूँसे और थप्पड़ बजाते रहे।

महाभारत-कालीन शिव मंदिर जो मृत को भी देता है जीवन: #महाशिवरात्रि पर उत्तराखंड से Exclusive रिपोर्टिंग

पांडवों के अज्ञातवास काल में युधिष्ठिर ने लाखामंडल स्थित लाक्षेश्वर मंदिर के प्रांगण में जिस शिवलिंग की स्थापना की थी, वह आज भी विद्यमान है। इसी लिंग के सामने दो द्वारपालों की मूर्तियाँ हैं, जो पश्चिम की ओर मुँह करके खड़े हैं।

UP शराब कांड में मुख्य आरोपित RJD नेता गिरफ़्तार, बिहार से है कनेक्शन

शराब कांड में सरकार के दबाव की वजह से पुलिस ने लगातार छापेमारी की, जिसके कारण दोनों राज्यों में लगभग 10,000 लीटर से ज़्यादा अवैध शराब और 75,000 किलो से ज़्यादा लहन पकड़ी गई।

वेलेंटाइन डे स्पेशल: ‘राजुला-मालूशाही’ की कहानी जो बन गया प्यार के लिए संन्यासी

राजुला का पत्र पढ़कर मालूशाही शोक में डूब गया, राजुला के विवाह की ख़बर ने मानो उसे निर्जीव कर दिया। मालूशाही की आँखें सूख गई, उसका अन्न-जल त्याग हुआ, लेकिन वो जानता था कि यह समय विलाप का नहीं है।

उत्तराखंड बना सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को नौकरी में आरक्षण देने वाला दूसरा राज्य

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पिछले माह ही प्रदेश में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10% आरक्षण लागू करने के संदर्भ में निर्देश जारी कर दिए थे।

अस्त होती सभ्यता का सूर्य हैं सरस्वती पुत्र ‘पद्मश्री’ प्रीतम भरतवाण

देवताओं की इस धरती पर यदि सबसे पहले किसी को नमन किया जाना चाहिए तो वह यह ‘दास समुदाय' है जिन्हे स्थानीय भाषा में ‘औजी’ कहा जाता है, जिनके आवाह्न से ही किसी भी शुभ कार्य या समारोह में सर्वप्रथम देवी-देवताओं का स्मरण किया जाता है।

भारत के इतिहास में पहला जौहर करने वाली उत्तराखंड की जिया रानी

लूटेरे तैमूर ने एक टुकड़ी आगे पहाड़ी राज्यों पर भी हमला करने के लिए भेजी, जब ये सूचना जिया रानी को मिली तो उन्होंने फ़ौरन इसका सामना करने के लिए कुमाऊँ के राजपूतो की एक सेना का गठन किया।

’50 लाख बच्चों’ के पिता ‘वृक्ष मानव’ का 96 की उम्र में निधन

भाई और पत्नी के निधन के बाद विश्‍वेश्‍वर के लिए उनका दुख भूल पाना मुश्किल था लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। वो मौत का दुख सहने के लिए पौधे लगाने लगे। अंतिम सांस लेने तक उन्होंने पर्यावरण को सुरक्षित करना अपना ज़िम्मा समझा

बेटे की बलि देने वाले अकेले नहीं थे हज़रत इब्राहीम; जानिए वीर माधो सिंह की अमर गाथा

पहाड़ का सीना चीरकर नदी का पानी 'कूल' (सुरंग) बनाकर अपने गाँव मलेथा तक लेकर आने का काम महान योद्धा माधो सिंह भण्डारी ने किया था

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