ध्रुव राठी और अन्य लोग लगातार फेक न्यूज फैलाकर आम जनता को भ्रमित करते हैं, ये उनकी आदत में शुमार है। ऐसा करना नीलेश नवलखा बनाम भारत संघ (2021) में बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन है।
जज ने अपने आदेश में कहा कि कुछ “आरोपित किसी पार्टी से जुड़े हो सकते हैं, लेकिन उन्हें कानून और व्यवस्था अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती और न ही कानून में ऐसा कोई प्रावधान है।”
कॉन्ग्रेस पार्टी को हर सीट पर दमदार कैंडिडेट नहीं मिल रहे और कहीं कैंडिडेट आखिरी समय में मिल गए, और उन्होंने नामांकन दाखिल कर भी दिया, तो अब कॉन्ग्रेस की कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगानी पड़ रही है अपने ही कैंडिडेट को हराने के लिए।
नेहरू से लेकर सोनिया तक कॉन्ग्रेस हिंदू घृणा में सनी रही। फिर भी राम की मर्यादा का पालन कर उसके नेताओं को न्योता दिया गया। पर उसने वही चुना जो उसकी नियति है।