Friday, May 3, 2024
Homeराजनीतिराहुल गाँधी की क्षमताओं पर उठाए सवाल तो चिदंबरम के बेटे को टिकट का...

राहुल गाँधी की क्षमताओं पर उठाए सवाल तो चिदंबरम के बेटे को टिकट का काॅन्ग्रेस में विरोध, प्रणब की बेटी का क्या होगा: बोलीं शर्मिष्ठा- परिवार से बाहर देखें

"कॉन्ग्रेस के लिए इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि राहुल गाँधी 2014 और 2019 में बुरी तरीके से हारे। वे कॉन्ग्रेस का चेहरा थे। दो लोकसभा चुनाव हो चुके हैं, किसी भी और पार्टी में ऐसा होता क्या? भाजपा में ऐसा होता क्या? किसी नेता के नेतृत्व में पार्टी हार रही है तो पार्टी के लोगों के लिए सोचना जरूरी है कि उनका चेहरा कौन हो।"

मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली जिस यूपीए सरकार को सोनिया गाँधी पर्दे के पीछे से हाँकती थीं, उसके दो प्रमुख चेहरे थे। एक, पी चिदंबरम जिन्होंने गृह और वित्त मंत्रालय जैसे महकमे सँभाले। दूसरे, प्रणब मुखर्जी जो बाद में राष्ट्रपति भी बने। अब इन्हीं चिदंबरम के बेटे को लोकसभा चुनाव में टिकट देने का विरोध हो रहा है, क्योंकि उन्होंने राहुल गाँधी के नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। ऐसे में सवाल उठता है कि काॅन्ग्रेस में प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा का क्या भविष्य होगा, क्योंकि उन्होंने भी राहुल पर सवाल उठाते हुए कहा है कि पार्टी को परिवार से बाहर देखने की जरूरत है।

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा है कि कॉन्ग्रेस को नेहरू-गाँधी परिवार के बाहर भी नेतृत्व के लिए देखना चाहिए। साथ ही कॉन्ग्रेस की आलोचना करने पर हाशिए पर धकेले जाने को लेकर भी प्रश्न उठाए हैं।

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में कहा, “कॉन्ग्रेस के लिए इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि राहुल गाँधी 2014 और 2019 में बुरी तरीके से हारे। वे कॉन्ग्रेस का चेहरा थे। दो लोकसभा चुनाव हो चुके हैं, किसी भी और पार्टी में ऐसा होता क्या? भाजपा में ऐसा होता क्या? किसी नेता के नेतृत्व में पार्टी हार रही है तो पार्टी के लोगों के लिए सोचना जरूरी है कि उनका चेहरा कौन हो।”

उन्होंने कहा, “मैं एक जिम्मेदार नागरिक और कॉन्ग्रेस समर्थक होने के नाते पार्टी के लिए चिंतित हूँ। निश्चित रूप से समय आ गया है कि नेतृत्व के लिए नेहरू-गाँधी परिवार से बाहर भी देखा जाए।” इस दौरान शर्मिष्ठा मुखर्जी ने खुद को कॉन्ग्रेस की पक्की समर्थक बताया। उन्होंने कहा कि लोग भले ही विश्वास ना करें, लेकिन वह कॉन्ग्रेस की समर्थक हैं।

उन्होंने कॉन्ग्रेस में विरोध के स्वरों को उठाने पर किनारे किए जाने को लेकर कहा, “बोलने की आजादी का यह मतलब नहीं कि आप सिर्फ अपने नेता की ही बड़ाई करें और जैसे ही आप नेतृत्व की आलोचना करें, पूरा इकोसिस्टम आपको हाशिए पर धकेल दे। क्या यह बोलने की आजादी है?”

उन्होंने अपने पिता प्रणब मुखर्जी के विषय में बात करते हुए कहा, “मेरे पिताजी का कहना था कि लोकतंत्र में अलग अलग विचारधाराएँ होती हैं, आप दूसरे से असहमत हो सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं हो कि उनका अस्तित्व ही गलत है, यह लोकतंत्र के खिलाफ है। इसलिए वार्तालाप होना जरूरी है। इसलिए मेरे पिता को आपसी सहमति तैयार करने वाला व्यक्ति माना जाता था। लोकतंत्र में कहना ही नहीं, बल्कि सुनना भी बहुत जरूरी है। जिस आरएसएस प्रचारक को देश की जनता ने भारी बहुमत के साथ जिताया है आप उसे नजरअंदाज नहीं कर सकते।”

कार्ति चिदंबरम के टिकट का विरोध

पी चिदंबरम के बेटे और लोकसभा सांसद कार्ति चिदंबरम को राहुल गाँधी की क्षमताओं पर प्रश्न उठाने के लिए अब विरोध झेलना पड़ रहा है। उनको आगामी लोकसभा चुनावों में टिकट ना दिए जाने की माँग की जा रही है। उनकी लोकसभा सीट शिवगंगा की कॉन्ग्रेस कमेटी ने एक प्रस्ताव पास करके यह माँग की है।

उन्होंने बीते महीने एक इंटरव्यू में राहुल गाँधी की क्षमताओं पर प्रश्न उठाए थे। अब उनके खिलाफ पूर्व केंद्रीय मंत्री EM सुदर्शन नातिचप्पन और वरिष्ठ नेता केआर रामासामी ने भी यलगार का ऐलान किया है। इससे पहले कार्ति को इस मामले में नोटिस भेजा गया था।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

हेमंत सोरेन की याचिका हाई कोर्ट में खारिज, ED की गिरफ्तारी को बताया था गलत: चाचा के श्राद्ध में शामिल होने के लिए 1...

झारखंड हाईकोर्ट में हेमंत सोरेन को बड़ा झटका लगा है। ईडी की गिरफ्तारी को अवैध बताने वाली याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है।

शहजादा अमेठी से इतना डरा हुआ है कि रायबरेली भाग गया, उनकी नेता राजस्थान भागी, अरे डरो मत-भागो मत: पीएम मोदी का गाँधी परिवार...

पीएम मोदी ने कहा कि शहजादा राहुल गाँधी अमेठी में हार के डर से रायबरेली चुनाव लड़ने गए, सोनिया गाँधी राजस्थान से राज्यसभा गईं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -