केंद्र सरकार के इस निर्णय को लेकर जिस तरह से क्रेडिट लेने और देने की होड़ मची हुई है, वह दर्शाता है कि ऐसे निर्णयों को या ऐसी घोषणा का विपक्ष या मोदी विरोधियों के लिए क्या महत्व है।
सेंट्रल विस्टा पर प्रोपेगेंडा के बीच एक तथ्य यह भी है कि कभी अखबारों में बड़े-बड़े विज्ञापन देकर मोटे अक्षरों में संसद को गिरा देने का वादा किया गया था।
कॉन्ग्रेस ने 60 सालों में क्या किया? जवाब है, वाजपेयी की दृष्टि से पैदा एम्स और कुछ निजी कंपनियाँ। यह हम नहीं कह रहे। कॉन्ग्रेस के ही एक नेता ने बताया है।