Thursday, April 18, 2024
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प्राइवेट अस्पतालों को टीका बेचने का फैसला पंजाब सरकार ने वापस लिया, केंद्र ने ‘धंधे’ पर माँगा था जवाब

पंजाब सरकार पर 400 रुपए का टीका 1060 रुपए में बेचकर लाभ कमाने का आरोप था। प्राइवेट हॉस्पिटल इसके लिए लोगों से 1560 रुपए वसूल रहे थे।

कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब की कॉन्ग्रेस सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों को कोरोना वैक्सीन बेचने का फैसला वापस ले लिया है। साथ ही इन अस्पतालों से टीका लौटाने को भी कहा है। इससे पहले यह बात सामने आई थी कि राज्य सरकार 400 रुपए में Covid-19 का वैक्सीन खरीद कर उन्हें 1060 रुपए में प्राइवेट अस्पतालों को बेच रही है। इस मसले पर विवादों में घिरने के बाद सरकार को यू टर्न मारने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

शिरोमणि अकाली दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने शुक्रवार (04 जून 2021) को पंजाब सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि राज्य में Covid-19 के टीके उपलब्ध हैं, लेकिन सरकार उन्हें निजी अस्पतालों को बेच रही है। उन्होंने कहा था कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार 400 रुपए में कोरोना वायरस का टीका खरीद कर उन्हें प्राइवेट अस्पतालों को 1060 रुपए में बेच देती है। इसके बाद प्राइवेट अस्पताल भी अधिक कीमत पर लोगों को टीके देकर लाभ कमा रहे हैं।

पंजाब सरकार द्वारा टीकों पर लाभ कमाने की इस खबर के सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार से जवाब माँगा था। केंद्र सरकार द्वारा लिखे गए पत्र में एनडीटीवी की रिपोर्ट के हवाले से बताया गया था कि पंजाब सरकार कोवैक्सीन की खुराक प्राइवेट अस्पतालों को बेचकर प्रति खुराक 660 रुपए का लाभ कमा रही है।

पत्र में यह भी बताया गया कि 1 मई 2021 से शुरू किए गए टीकाकरण कार्यक्रम के बाद एक उदार मूल्य आधारित राष्ट्रीय टीकाकरण रणनीति अपनाई गई जिसके अनुसार प्राइवेट अस्पताल सीधे ही उत्पादकों से वैक्सीन की खरीद कर सकते हैं। पत्र में कहा गया था कि मीडिया के माध्यम से प्राप्त खबरों से प्रथम दृष्ट्या यही प्रतीत होता है कि पंजाब सरकार द्वारा Covid-19 टीकों को ऊँचे लाभ पर बेचा जाना टीकाकरण नीति का उल्लंघन करता है। पत्र में पंजाब सरकार से कहा गया कि वह इस विषय में पूरा स्पष्टीकरण दे।

मामला यहाँ तक पहुँचने के बाद पंजाब सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों को टीका दिए जाने के निर्णय को वापस ले लिया। पंजाब सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश में लिखा गया कि 18-44 वर्ष की आयु वर्ग के लिए प्राइवेट अस्पतालों को सीमित मात्रा में टीके उपलब्ध कराने के निर्णय को गलत तरीके से लिया जा रहा है अतः सरकार अपने निर्णय को वापस लेती है। आदेश में यह भी लिखा गया कि प्राइवेट अस्पताल अपने पास उपलब्ध टीकों को वापस कर दें। पंजाब सरकार के आदेश में कहा गया है कि प्राइवेट अस्पतालों ने जो भुगतान किया है वह सरकार द्वारा वापस कर दिया जाएगा।

गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के नाम पर प्राइवेट अस्पतालों को टीके बेचकर प्रति खुराक 660 रुपए का लाभ कमाया है। वहीं प्राइवेट अस्पतालों को प्रति खुराक 500 रुपए का लाभ होता क्योंकि अस्पताल, लोगों से टीके की एक खुराक के लिए 1,560 रुपए वसूल रहे थे।     

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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